जिला मंडी के जोगिंदरनगर के पोहल गांव के वीर सपूत विनय सिंह ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी। विनय, जो एक साधारण परिवार से थे, अपने पिता रवि सिंह के साथ गांव में सम्मान और गर्व का प्रतीक बने रहे।
हाल ही में हुई मुठभेड़ में, विनय ने दो आतंकियों को मार गिराया। लेकिन इस बहादुरी के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तुरंत जालंधर के सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया। जैसे ही यह खबर उनके पिता को मिली, वे तुरंत जालंधर पहुंचे। लेकिन दुख की बात है कि उपचार के बावजूद विनय को बचाया नहीं जा सका और वह शहीद हो गए।
उनकी शहादत की खबर से जोगिंदरनगर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। आज उनकी पार्थिव देह उनके गांव लाई जाएगी, जहां उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।
विनय का परिवार कठिन आर्थिक परिस्थितियों का सामना कर रहा था। उनके पिता मिस्त्री का काम करते हैं। उनकी तीन बहनें और एक छोटा भाई है, जो भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में सेवा दे रहा है। विनय अविवाहित थे, लेकिन उनकी शहादत ने उनके परिवार, गांव और देश का मान बढ़ाया है।
इस दुख की घड़ी में हमें विनय सिंह जैसे बहादुर जवानों की शहादत को याद रखना चाहिए। उनके साहस और त्याग को हमेशा सम्मानित किया जाएगा, और उन्हें कभी नहीं भुलाया जाएगा।