हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले से एक बड़ी और गर्व भरी खबर सामने आई है। कुठेड़ा के जोल पलाखीं गांव के रहने वाले होनहार छात्र अभिषेक चंदेल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने जिले और राज्य का नाम रोशन किया है। उन्हें मैक्सिको की विश्वविख्यात शोध संस्था सीनवेस्टावमें नैनो विज्ञान और नैनो टेक्नोलॉजी विषय में पीएचडी के लिए चुना गया है।
यह प्रतिष्ठित कोर्स 1 सितंबर 2025 से शुरू होगा और अगस्त 2029 तक चलेगा। खास बात ये है कि इस दौरान अभिषेक को मैक्सिको सरकार की ओर से हर महीने ₹1 लाख (लगभग) की स्कॉलरशिप भी दी जाएगी।
यूनिवर्सिटी उठाएगी पढ़ाई से लेकर रहन-सहन का पूरा खर्च
अभिषेक के लिए यह सपना जितना बड़ा है, उतना ही कमाल का सपोर्ट भी मिला है। सीनवेस्टाव यूनिवर्सिटी उनके पढ़ाई, हॉस्टल, खाना और अन्य सभी ज़रूरी खर्चों की पूरी जिम्मेदारी खुद उठाएगी।
मैक्सिको के इमीग्रेशन नियमों के अनुसार, जिन विदेशी छात्रों को सरकार की स्कॉलरशिप मिलती है, उन्हें आर्थिक स्थिति का कोई सबूत नहीं देना होता – बशर्ते उनके पास विदेश मंत्रालय की मंजूरी हो। यूनिवर्सिटी ने भारत सरकार और भारतीय दूतावास से अनुरोध किया है कि अभिषेक को जल्द से जल्द अस्थायी छात्र वीजा दिया जाए।
यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक समन्वयक डॉ. साल्वादोर गेलार्डो हर्नांदेज ने अभिषेक के एडमिशन की पुष्टि की है और भारतीय अधिकारियों से सहयोग की उम्मीद जताई है।
सीनवेस्टाव: दुनिया की बेहतरीन रिसर्च संस्थाओं में से एक
आपको बता दें कि सीनवेस्टाव, मैक्सिको की टॉप रिसर्च संस्थाओं में गिनी जाती है और यह राष्ट्रीय बहु-प्रौद्योगिकी संस्थान (IPN) से संबद्ध है। यह संस्था विज्ञान, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के क्षेत्र में अग्रणी काम करती है और दुनिया भर से टैलेंटेड छात्रों को अपने पास बुलाती है।
इस सफलता के पीछे हैं प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार
अभिषेक की इस कामयाबी में बिलासपुर कॉलेज में पढ़ाने वाले फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार का भी अहम योगदान रहा है। पनोह गांव के रहने वाले डॉ. अरुण ने बताया कि अभिषेक पिछले तीन सालों से उनके कॉलेज में पढ़ रहा था और नैनो साइंस में उसकी गहरी रुचि को देखकर उन्होंने उसे लगातार गाइड किया।
डॉ. अरुण ने कहा, “अभिषेक मुझसे नियमित चर्चा करता था। मैंने उसे बताया कि नैनो टेक्नोलॉजी का फ्यूचर बहुत ब्राइट है और इसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उसकी मेहनत रंग लाई है।”
3 और छात्र विदेशों में कर रहे पीएचडी
डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि उनके गाइडेंस में अब तक 4 छात्र विदेशों में पीएचडी कर रहे हैं – जिनमें से 3 अमेरिका और 1 आबूधाबी में है। उनका मानना है कि अगर बच्चों को सही समय पर मार्गदर्शन और मोटिवेशन मिल जाए, तो वे साइंस और इनोवेशन में बड़े कमाल कर सकते हैं।
पिछले 3 सालों में डॉ. अरुण ने जिले के 50 से ज़्यादा स्कूलों का दौरा किया है और वहां के छात्रों को विज्ञान में करियर के अवसरों के बारे में जागरूक किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते विज्ञान में रुचि नहीं जगी, तो आने वाले समय में इस क्षेत्र में छात्रों की भागीदारी कम होती जाएगी।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!