भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एक बार फिर उद्योगपति अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) को धोखाधड़ी का दोषी घोषित किया है। यह घोषणा 13 जून 2025 को बैंक की आंतरिक नीति और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट गाइडलाइंस के तहत की गई। इसके बाद 24 जून 2025 को SBI ने इस जानकारी को RBI को सौंपा और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी। 1 जुलाई 2025 को RCom के रेजोल्यूशन प्रोफेशनल ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को इस धोखाधड़ी की औपचारिक सूचना दी।
बैंक के अनुसार, RCom पर कुल ₹3,014.16 करोड़ का कर्ज बकाया है, जिसमें ₹2,227.64 करोड़ फंड आधारित कर्ज (ब्याज सहित) और ₹786.52 करोड़ नॉन-फंड आधारित बैंक गारंटी शामिल है। यह कर्ज 26 अगस्त 2016 से लंबित है। वर्तमान में RCom दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है, जो Insolvency and Bankruptcy Code (IBC), 2016 के तहत चल रही है। कर्जदाताओं की समिति (CoC) ने 6 मार्च 2020 को समाधान प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, लेकिन अभी तक NCLT, मुंबई से इसकी अंतिम स्वीकृति नहीं मिली है।
इसके साथ ही SBI ने अनिल अंबानी के खिलाफ व्यक्तिगत दिवालिया प्रक्रिया (Personal Insolvency Process) भी शुरू की है, जो NCLT, मुंबई में लंबित है। यह पहली बार नहीं है जब SBI ने अनिल अंबानी और RCom को फ्रॉड घोषित किया हो। इससे पहले 10 नवंबर 2020 को भी दोनों को धोखाधड़ी का दोषी माना गया था और 5 जनवरी 2021 को CBI में शिकायत दर्ज की गई थी। लेकिन 6 जनवरी 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘status quo’ का आदेश देते हुए किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी, जिसके चलते CBI को शिकायत वापस करनी पड़ी।
बाद में 27 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने SBI बनाम राजेश अग्रवाल मामले में फैसला सुनाया कि किसी भी व्यक्ति या संस्था को फ्रॉड घोषित करने से पहले उसे अपनी बात रखने का पूरा अवसर देना जरूरी है। इस फैसले के बाद SBI ने 2 सितंबर 2023 को RCom और अनिल अंबानी से फ्रॉड टैग हटाया और पूरी प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की। नियमानुसार जांच और जवाब के बाद, 13 जून 2025 को एक बार फिर दोनों को फ्रॉड घोषित किया गया।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में यह जानकारी साझा की और यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल सरकार के पास किसानों के कृषि ऋण माफ करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। हालांकि सरकार किसानों के लिए कई सहायता योजनाएं चला रही है, जैसे कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना जिसके तहत ₹3 लाख तक का कर्ज कम ब्याज दर पर दिया जाता है और समय पर भुगतान करने पर ब्याज में छूट भी मिलती है। प्राथमिकता क्षेत्र ऋण दिशा-निर्देशों के तहत कृषि क्षेत्र में कर्ज वितरण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
इसके अलावा, सरकार ने 9 दिसंबर 2024 को “बीमा सखी – महिला करियर एजेंट योजना” की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2024-25 में एलआईसी ने बीमा सखियों को ₹62.36 करोड़ स्टाइपेंड के रूप में वितरित किया। 2025-26 के लिए ₹520 करोड़ का बजट तय किया गया, जिसमें से जुलाई 2025 तक ₹115.13 करोड़ वितरित किए जा चुके हैं। वर्तमान में देशभर में 2,05,896 बीमा सखी कार्यरत हैं। इन्हें पहले तीन वर्षों में क्रमशः ₹7,000, ₹6,000 और ₹5,000 का मासिक स्टाइपेंड दिया जाता है। इसके साथ ही उन्हें बीमा बिक्री पर कमीशन भी मिलता है। पांच साल के अनुभव के बाद, योग्य स्नातक बीमा सखियां एलआईसी की एडीओ (Apprentice Development Officer) के लिए आवेदन कर सकती हैं।
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