Himachal: आधार बना उम्मीद की पहचान: हिमाचल में मिला 10 साल का बच्चा, बिहार में परिवार से हुआ भावुक मिलन

आधार यानी यूआईडीएआई आज सिर्फ एक पहचान पत्र नहीं, बल्कि कई बार किसी की जिंदगी बदलने का जरिया भी बन जाता है। ऐसा ही एक भावुक और प्रेरणादायक मामला हिमाचल प्रदेश में सामने आया है, जहां बिहार से बिछड़ा 10 वर्षीय किशोर आखिरकार आधार की मदद से अपने परिवार तक सुरक्षित पहुंच सका।

जानकारी के अनुसार 10 वर्षीय अमन कुमार हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में पुलिस को बेसहारा हालत में मिला था। बच्चे की पहचान न हो पाने के चलते उसे हमीरपुर स्थित एक बाल देखभाल संस्थान में रखा गया था। इसके बाद प्रशासन, बाल संरक्षण इकाइयों और यूआईडीएआई के समन्वित प्रयासों से उसकी पहचान की प्रक्रिया आगे बढ़ी। आधार से जुड़े रिकॉर्ड और तकनीकी सहयोग की मदद से अमन के परिवार का पता बिहार में लगाया गया।

लंबी प्रक्रिया और समन्वय के बाद अमन को सुरक्षित रूप से बिहार ले जाया गया, जहां वह अपने परिजनों से मिला। इस दौरान बच्चे और उसके परिवार की खुशी देखने लायक थी। वर्षों बाद अपने बेटे को सामने पाकर परिजनों की आंखें भर आईं, वहीं अमन भी अपनों को पाकर बेहद खुश नजर आया।

यह मामला दिखाता है कि आधार सिर्फ पहचान तक सीमित नहीं है, बल्कि जरूरत के समय यह आशा, सम्मान और बिछड़े परिवारों को जोड़ने का मजबूत माध्यम भी बन रहा है। सही समय पर मिली सहायता ने एक मासूम बच्चे को उसका परिवार लौटा दिया और एक टूटे रिश्ते को फिर से जोड़ दिया।

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