शिमला। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग में सेवा दे रहे करीब 8,000 पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्करों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से शुक्रवार को मुलाकात की और अपनी प्रमुख मांगों को आगामी बजट में शामिल करने का आग्रह किया।
संगठन ने बताया कि ये कर्मचारी वर्ष 2022 से शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं और 3 वर्ष का समय पूरा कर चुके हैं, लेकिन अब तक उनके लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई।
तीन विधानसभा सत्र में नहीं बनी नीति
कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री की कर्मचारी हितैषी छवि का उल्लेख करते हुए कहा कि लगातार तीन विधानसभा सत्र बीत जाने के बावजूद उनके लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं बन पाई है। संगठन ने आग्रह किया कि 5वें वर्ष पर कॉन्ट्रैक्ट और 7वें वर्ष पर नियमित नियुक्ति की स्पष्ट नीति बनाई जाए, ताकि 50 वर्ष से अधिक आयु वाले कर्मचारियों को पेंशन का लाभ मिल सके।
वेतन और अन्य समस्याएं
संगठन ने दिवाली-होली और अन्य सार्वजनिक अवकाशों के दिन वेतन कटौती जैसी समस्याओं पर भी चिंता व्यक्त की। वर्तमान में कर्मचारियों को 5625 रुपए मानदेय मिलता है, लेकिन 10 महीने का ही वेतन दिया जाता है और सार्वजनिक अवकाशों के दिन भी वेतन काट लिया जाता है। संगठन ने पूरा 12 महीने का वेतन देने की मांग की, ताकि कर्मचारी अपने परिवार का सुचारू रूप से पालन-पोषण कर सकें।
संगठन ने इसके अलावा विधवा पेंशन, आईआरडीपी, विकलांग पेंशन और निःशुल्क बस यात्रा जैसी सुविधाओं के बहाल होने की भी मांग की।
मुख्यमंत्री का आश्वासन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रतिनिधिमंडल की सभी मांगों को ध्यानपूर्वक सुनते हुए आश्वासन दिया कि पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्करों की समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा और सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक और संवेदनशील दृष्टिकोण से विचार करेगी।
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