शिमला: हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार एएसआई पंकज शर्मा को प्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
न्यायमूर्ति विरेंदर सिंह ने पंकज शर्मा की जमानत याचिका मंजूर करते हुए उन्हें कड़ी शर्तों के साथ जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए।
सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए एएसआई पंकज शर्मा करीब डेढ़ महीने से न्यायिक हिरासत में थे। अदालत ने कहा कि जिन धाराओं में उन्हें गिरफ्तार किया गया है, उनकी अधिकतम सजा को देखते हुए उन्हें अनिश्चितकाल तक जेल में रखना उचित नहीं है।
जमानत के साथ कड़ी शर्तें
अदालत ने साफ निर्देश दिए हैं कि पंकज शर्मा बिना कोर्ट की अनुमति के देश से बाहर नहीं जा सकेंगे।
साथ ही, उन्हें मामले से जुड़े गवाहों पर किसी भी तरह का दबाव, प्रलोभन या धमकी देने से भी सख्त मनाही है।
कोर्ट ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और उतनी ही राशि की जमानत पर रिहा किया जाए।
सीबीआई ने की थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि सीबीआई ने 14 सितंबर को पंकज शर्मा को बिलासपुर जिले के घुमारवीं तहसील स्थित उनके पैतृक गांव से गिरफ्तार किया था।
इससे पहले, 19 मार्च को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
बाद में 23 मई को हाईकोर्ट ने जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा, जिसके बाद 26 मई को सीबीआई ने नया मामला दर्ज किया।
कोर्ट में पेश की गई दलील
पंकज शर्मा की ओर से दलील दी गई कि अब सीबीआई को उनसे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है और वह अदालत की हर शर्त मानने को तैयार हैं।
अदालत ने उनकी यह दलील स्वीकार करते हुए कहा कि कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन आरोपी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
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