धर्मशाला/वाशिंगटन: तिब्बत के 11वें पंचेन लामा, गेदुन चोयकी न्यिमा, को 2025 का डेमोक्रेसी सर्विस अवॉर्ड प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार नेशनल एंडाउमेंट फॉर डेमोक्रेसी (NED) द्वारा विश्वभर में लोकतंत्र और मानव अधिकारों के संवर्धन के लिए दिया जाता है।
धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती लंबे समय से बताते रहे हैं कि पंचेन लामा को वर्ष 1995 में चीन ने अगवा किया था, और तब से वह लापता हैं। पुरस्कार की ओर से सम्मान ताशील्हुनपो मठ के ग्याल्त्सब रिनपोछे ने स्वीकार किया।
इस समारोह में अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों के प्रतिनिधि और निर्वासित तिब्बती प्रधानमंत्री पेम्पा सेरिंग भी मौजूद थे। नेड ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह सम्मान 11वें पंचेन लामा को तिब्बती जनता की अटूट धार्मिक आस्था और स्वतंत्रता के संघर्ष के प्रतीक के रूप में दिया गया है। उनका अपहरण चीन में तिब्बत के दमन की सबसे मार्मिक घटनाओं में से एक माना जाता है।
इस अवसर पर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने विशेष संदेश भेजकर नेड के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पंचेन लामा को सम्मानित करना तिब्बत की धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व को उजागर करता है और यह समूचे तिब्बती समुदाय की आशा और विश्वास का प्रतीक है। दलाई लामा ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि 11वें पंचेन लामा शीघ्र ही स्वतंत्रता, गरिमा और सेवा का जीवन व्यतीत कर तिब्बत के धर्म, संस्कृति और पहचान की रक्षा कर सकेंगे।
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