Kangra: जगरूपनगर में विवाहिता की संदिग्ध मौत: मायके वालों का प्रदर्शन, सास-ससुर और पति गिरफ्तार

जयसिंहपुर: जगरूपनगर पंचायत में एक विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने स्थानीय समुदाय में हड़कंप मचा दिया है। मृतका भावना की संदिग्ध मौत की जानकारी मिलने के बाद सोमवार को उसके मायका पक्ष के लगभग 200 लोग पुलिस चौकी आलमपुर के बाहर एकत्रित हुए। उन्होंने पुलिस से मांग की कि मृतका के पति सुनील, सास संदला देवी और ससुर किशोरी लाल को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। पुलिस ने दिनभर चली बातचीत के बाद अंततः शाम को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

मृतका की संदिग्ध मौत की घटना शनिवार रात को हुई, जब उसके पति ने दावा किया कि वह रात को सोकर उठे और देखा कि उनकी पत्नी बिस्तर पर नहीं थी। जब उन्होंने दूसरे कमरे में जाकर देखा, तो पाया कि भावना ने पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, पति के बयान में कोई संदेह नहीं था, लेकिन महिला के मायका पक्ष ने इस मामले में गहरी संदेह जताई है।

परिवार की चिंता:

भावना के मायका वालों ने कहा है कि उनके परिवार में ऐसा कोई भी संकेत नहीं था कि वह आत्महत्या कर सकती हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ससुराल वाले पहले से ही भावना को प्रताड़ित कर रहे थे। मृतका के पिता ने कहा, “हमें जानकारी मिली कि हमारी बेटी बीमार हो गई है और उसे सुजानपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जब हम अस्पताल पहुंचे, तो बताया गया कि उसने आत्महत्या कर ली है।”

इस घटना के बाद भावना के परिवार ने यह सवाल उठाया कि यदि उनकी बेटी ने आत्महत्या की थी, तो शव को बिना पुलिस को सूचित किए क्यों उतारा गया। परिवार का आरोप है कि ससुराल के लोग पहले से ही उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे और उन्हें कोई सहारा नहीं मिला।

स्थानीय नेताओं का समर्थन:

सोमवार को, जब मामला तूल पकड़ने लगा, तो बीडीसी के पूर्व चेयरमैन वीरेन्द्र सिंह राणा, सुजानपुर की पार्षद अनीता सुडियाल और पूर्व पार्षद सरवण कुमार ने मामले में हस्तक्षेप किया। उन्होंने पुलिस चौकी आलमपुर पर पहुंचकर आत्महत्या की बात को पूरी तरह से खारिज किया और हत्या की संभावना जताई। स्थानीय नेताओं ने पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।

महिला के मायका पक्ष के लोग लगातार पुलिस पर दबाव बनाते रहे कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। इसके बाद, पुलिस ने समझाईश देते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि निष्पक्ष जांच की जाएगी, तब जाकर मायका पक्ष ने अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।

पुलिस कार्रवाई और फोरेंसिक जांच:

पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले की गहन जांच शुरू की है। फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर जाकर साक्ष्य जुटाए हैं। डीएसपी बैजनाथ अनिल शर्मा और थाना प्रभारी अशोक कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि मृतका के पति, सास और ससुर को गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है।

पुलिस ने यह भी कहा कि वे सभी बिंदुओं पर जांच करेंगे, जिसमें मृतका की मानसिक स्थिति और परिवार के भीतर के रिश्तों की भी समीक्षा की जाएगी। महिला के परिजनों का आरोप है कि ससुराल वाले उसे हमेशा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे।

इस बीच, स्थानीय लोगों ने भी भावना की संदिग्ध मौत पर शोक व्यक्त किया है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया है।

समुदाय की प्रतिक्रिया:

स्थानीय समुदाय के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं। उन्होंने बताया कि भावना एक खुशमिजाज महिला थी और उसके परिवार में कोई भी ऐसा संकेत नहीं था जो उसकी आत्महत्या की संभावना को दर्शाए। ग्रामीणों ने कहा कि यह घटना न केवल भावना के परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए एक बड़ा आघात है।

एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एकजुट होना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाओं को उनके अधिकार और सुरक्षा मिले।”

अंत में:

इस घटना ने एक बार फिर से घरेलू हिंसा और महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है। समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करें और ऐसे मामलों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं।

इस मामले की जांच आगे बढ़ रही है और पुलिस ने आश्वासन दिया है कि न्याय मिलेगा। आने वाले दिनों में, इस मामले की और अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि वास्तव में क्या हुआ और क्या यह आत्महत्या थी या हत्या।

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