ठियोग (शिमला): शिमला जिले के ठियोग विधानसभा क्षेत्र में टैंकरों से पेयजल आपूर्ति के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की जांच विजीलैंस विभाग ने तेज कर दी है। सोमवार को जल शक्ति विभाग के निलंबित सात अधिकारियों और एक ठेकेदार से विजीलैंस मुख्यालय शिमला में पूछताछ की गई। मंगलवार को अन्य अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी।
जांच के दौरान विजीलैंस टीम ने संबंधित विभाग से रिकॉर्ड जब्त किए और ठेकेदार द्वारा बताए गए पानी के स्रोत का भी निरीक्षण किया। टीम ने मामले से जुड़े हर पहलू की गंभीरता से पड़ताल की और सबूत जुटाने का काम शुरू कर दिया है। पहले ही एसडीएम कार्यालय ठियोग से संबंधित दस्तावेज़ कब्जे में लिए जा चुके हैं।
घोटाले के मुख्य आरोप:
- फर्जी भुगतान: जिन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति नहीं हुई, वहां भी भुगतान कर दिया गया।
- फर्जी वाहन नंबर: पानी सप्लाई के लिए बताए गए टैंकरों में मोटरसाइकिल और कार के नंबर शामिल थे।
जांच की स्थिति:
विजीलैंस अभी प्रारंभिक जांच कर रही है। यदि भ्रष्टाचार के पर्याप्त सबूत मिलते हैं, तो औपचारिक मामला दर्ज किया जाएगा। हालांकि, अधिकारी मामले की जांच पूरी होने तक टिप्पणी करने से बच रहे हैं।
जल शक्ति विभाग पर प्रभाव:
इस मामले में जल शक्ति विभाग के 10 अधिकारियों को निलंबित किया गया, जिसमें 2 अधिशासी अभियंता, 3 सहायक अभियंता, 4 कनिष्ठ अभियंता और 1 सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं। इनमें से एक अधिकारी की मृत्यु हो चुकी है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे विजीलैंस विभाग को सौंपा। एएसपी विजीलैंस नरवीर सिंह राठौर, जो हाल ही में विभाग में स्थानांतरित हुए हैं, इस मामले की जांच कर रहे हैं।
मामले का मूल:
पिछले साल फरवरी-जून के दौरान ठियोग में सूखे की स्थिति बनी थी। इस दौरान पानी की आपूर्ति टैंकरों से करने का काम ठेके पर दिया गया। आरोप है कि कई जगह पानी नहीं पहुंचाया गया और भुगतान कर दिया गया। इसके अलावा, टैंकरों के लिए जो नंबर दिए गए, उनमें से कई फर्जी पाए गए।
विजीलैंस टीम इस मामले में पारदर्शिता सुनिश्चित कर रही है और दोषियों को सजा दिलाने के लिए तत्पर है।
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