केंद्र सरकार ने सार्वजनिक सेवा वाहनों और नेशनल परमिट वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस यानी VLTD को लेकर सख्त रुख अपना लिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि अब VLTD की फिटमेंट और उसकी सक्रियता की जांच VAHAN पोर्टल के जरिए अनिवार्य रूप से की जाएगी। यह सख्ती 1 जनवरी 2026 से लागू होने जा रही है, जिसके बाद नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
मंत्रालय का कहना है कि तमाम निर्देशों और प्रयासों के बावजूद कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में VLTD सक्रिय नहीं है, जबकि केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के तहत यह पहले से अनिवार्य है। सरकार का मानना है कि यात्रियों की सुरक्षा और निगरानी के लिए VLTD का सही तरीके से काम करना बेहद जरूरी है।
नियमों के अनुसार CMVR के नियम 125H के तहत दोपहिया, ई-रिक्शा और तिपहिया को छोड़कर सभी सार्वजनिक सेवा वाहनों में VLTD और इमरजेंसी बटन अनिवार्य हैं। वहीं नियम 90(5) के अनुसार नेशनल परमिट जारी करने के लिए भी VLTD फिटमेंट जरूरी है।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। 1 जनवरी 2026 से वाहन के पंजीकरण, नवीनीकरण और स्वामित्व हस्तांतरण के दौरान VAHAN पोर्टल पर VLTD की जांच अनिवार्य होगी। इसके बाद 1 अप्रैल 2026 से फिटनेस और प्रदूषण जांच के समय भी निर्धारित अंतराल पर VLTD की स्थिति VAHAN के माध्यम से जांची जाएगी। नेशनल परमिट से जुड़े मामलों में यह जांच पहले से सक्षम थी, लेकिन असुविधा से बचने के लिए इसकी सख्ती भी 1 अप्रैल 2026 से लागू की जाएगी।
केंद्र सरकार ने कहा है कि इन तारीखों का मकसद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पूरी तैयारी का समय देना है। तय समय सीमा के बाद VAHAN प्लेटफॉर्म के जरिए नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
इसके साथ ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन विभागों से अपील की गई है कि वे अपने क्षेत्र में चल रहे सभी सार्वजनिक सेवा और नेशनल परमिट वाहनों में VLTD की फिटमेंट और उसकी सक्रियता जल्द सुनिश्चित करें। यह आदेश भारत सरकार के अवर सचिव यतेंद्र कुमार की ओर से जारी किया गया है।
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