हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर में चम्बाघाट और कथेड़ क्षेत्रों में डायरिया और पीलिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। क्षेत्रीय अस्पताल में 20 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है, जिससे शहर में पानी की गुणवत्ता पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, जलशक्ति विभाग द्वारा गिरि और अश्विनी जल योजनाओं से लिए गए पानी के सैंपल राष्ट्रीय विषाणु संस्थान पुणे भेजे गए थे और वे पास हो गए थे, फिर भी इन क्षेत्रों में दूषित पानी की आपूर्ति कहां से हो रही है, यह अब एक बड़ा सवाल बन चुका है।
मामलों में वृद्धि और बढ़ती चिंता
चम्बाघाट और कथेड़ क्षेत्रों में डायरिया और पीलिया के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसने इन क्षेत्रों की पानी की आपूर्ति पर संदेह पैदा किया है, क्योंकि ये दोनों बीमारियां आमतौर पर दूषित पानी से फैलती हैं। स्वास्थ्य विभाग अब इन बीमारियों के फैलने के कारण की जांच कर रहा है और लोगों को पानी की गुणवत्ता के बारे में जानकारी दी जा रही है।
सीवरेज पानी का मिश्रण
सूत्रों के अनुसार, सोलन बाईपास और चम्बाघाट के बीच के रिहायशी क्षेत्रों में सीवरेज का पानी छोड़ा गया था, जिसके कारण विभिन्न जल योजनाओं में दूषित पानी का मिश्रण हुआ है। इनमें सपरून जल आपूर्ति योजना, पाटी कोलियां जल आपूर्ति योजना और पाटी कोलियां सिंचाई योजना शामिल हैं। इन योजनाओं को फिलहाल बंद कर दिया गया है ताकि और अधिक प्रदूषण से बचा जा सके।
इससे पहले भी पिछले मानसून में चम्बाघाट के बावरा क्षेत्र से खुले में सीवरेज पानी छोड़ा गया था, जिससे पाटी कोलियां जल आपूर्ति योजना प्रभावित हुई थी। यह योजना बावरा, बसाल, चम्बाघाट और कथेड़ के कुछ क्षेत्रों को पानी आपूर्ति करती थी।
पानी की गुणवत्ता पर चिंता
जलशक्ति विभाग का कहना है कि गिरि और अश्विनी जल योजनाओं को सीवरेज पानी का कोई असर नहीं हुआ है और इन क्षेत्रों को गिरि योजना से पानी की आपूर्ति की जा रही है। हालांकि, डायरिया और पीलिया जैसे जल जनित रोगों के बढ़ते मामले यह सवाल उठाते हैं कि क्या पिछले जल गुणवत्ता परीक्षण पूरी तरह से सही थे। विभाग अब रोजाना पानी के सैंपल लेने की योजना बना रहा है ताकि पानी की गुणवत्ता की निगरानी की जा सके और भविष्य में ऐसे प्रकोपों से बचा जा सके।
सरकार की कार्रवाई और निर्देश
सोलन के उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने इस स्थिति का गंभीरता से संज्ञान लिया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, जलशक्ति विभाग, नगर निगम और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी विशेष टीम भेजी है, जबकि जलशक्ति और नगर निगम को पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच करने को कहा गया है।
साथ ही, डॉ. अतुल कायस्थ, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा विभाग ने जानकारी दी कि प्रभावित क्षेत्रों से पानी के चार सैंपल लिए गए हैं और उन्हें कंडाघाट स्थित केंद्रीय परीक्षण प्रयोगशाला (CTL) भेजा गया है। आने वाले दिनों में और सैंपल भी लिए जाएंगे।
जनता के लिए सलाह
नगर निगम सोलन ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें निवासियों से अपील की गई है कि वे पानी उबालकर पिएं, घर में रखी पानी की टंकियों की नियमित सफाई करें, खाने से पहले हाथ अच्छे से धोएं, कच्चे या बासी खाने से बचें और फल-सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाएं। साथ ही, पाइपलाइनों के आसपास कूड़ा-करकट न फेंके और सीवरेज रिसाव के बारे में नगर निगम को तुरंत सूचित करें।
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