Himachal: हमीरपुर की श्रेया भारद्वाज का एशियाई कैडेट कप 2025 में चयन – खेल और पढ़ाई में गजब का संतुलन

हिमाचल प्रदेश हमेशा से ही प्रतिभाओं की धरती रहा है। यहां के युवा खेल, शिक्षा और संस्कृति के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाते आए हैं। इसी कड़ी में अब जिला हमीरपुर, हीरानगर की बेटी श्रेया भारद्वाज ने देश का नाम रोशन किया है। मात्र 15 वर्ष की आयु में श्रेया को “एशियाई कैडेट कप 2025” (Asian Cadet Cup 2025) में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है।

यह प्रतियोगिता 19 से 22 सितंबर 2025 तक उत्तराखंड के हल्द्वानी में आयोजित होने जा रही है। श्रेया का चयन हाल ही में हल्द्वानी में आयोजित कैडेट अंडर-17 राष्ट्रीय तलवारबाज़ी चैंपियनशिप (8-13 सितंबर 2025) में उनके शानदार प्रदर्शन के आधार पर हुआ है। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश और भारत के लिए गर्व की बात है।

श्रेया भारद्वाज – एक बहुमुखी प्रतिभा

श्रेया की उपलब्धियां केवल तलवारबाज़ी तक सीमित नहीं हैं। वह खेल, शिक्षा, संगीत और अन्य सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी समान रूप से सक्रिय हैं।

• राष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज़ (Shooter):
श्रेया 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी हैं। इसके अलावा वह 25 मीटर और 50 मीटर फायरआर्म्स वर्ग में राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में कई बार पदक जीत चुकी हैं।

• घुड़सवारी (Equestrian):
वह राज्य स्तरीय घुड़सवार हैं और इस क्षेत्र में भी कई बार अपने कौशल का प्रदर्शन कर चुकी हैं।

• संगीत और नृत्य (Music & Dance):
श्रेया तीन संगीत वाद्ययंत्र बजाने में निपुण हैं। साथ ही, वह नृत्य की दो विधाओं में प्रशिक्षित हैं, जिससे उनका व्यक्तित्व और भी बहुमुखी हो जाता है।

• शैक्षणिक उत्कृष्टता (Education):
वर्ष 2024 में श्रेया ने अपनी 10वीं कक्षा की परीक्षा 95% अंकों के साथ पास की। खास बात यह है कि उसी साल उन्होंने तलवारबाज़ी और निशानेबाज़ी की सात राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया। पढ़ाई और खेल दोनों में संतुलन बनाना उनकी सबसे बड़ी खासियत है।

• स्कूल प्रतिनिधित्व (School Representation):
श्रेया ने वाद-विवाद, भाषण, मॉडल यूनाइटेड नेशंस (MUN) और योग जैसी गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया है।

परिवार और प्रशिक्षण

श्रेया भारद्वाज, लेफ्टिनेंट कर्नल अमित भारद्वाज की पुत्री हैं। उनका परिवार हमेशा से उन्हें प्रोत्साहित करता रहा है। वर्तमान में श्रेया पटियाला स्थित राष्ट्रीय खेल संस्थान (National Institute of Sports, Patiala) में तलवारबाज़ी का प्रशिक्षण ले रही हैं। निशानेबाज़ी की ट्रेनिंग में उन्हें उनके पिता का मार्गदर्शन मिलता है।

खेल और पढ़ाई में संतुलन – जेन जेड के लिए प्रेरणा

आज की पीढ़ी को अक्सर यह दिक्कत रहती है कि खेल और पढ़ाई में से किसे प्राथमिकता दी जाए। श्रेया इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं कि दोनों क्षेत्रों में एक साथ सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने न केवल पढ़ाई में शानदार प्रदर्शन किया बल्कि खेलों में भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।

उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। यह साबित करता है कि यदि लगन और मेहनत हो तो उम्र कभी भी बड़ी उपलब्धियों की राह में बाधा नहीं बन सकती।

श्रेया की आगामी चुनौती – एशियाई कैडेट कप 2025

एशियाई कैडेट कप 2025 श्रेया के लिए एक बड़ा मंच है। यहां उन्हें न सिर्फ भारत बल्कि पूरे एशिया के श्रेष्ठ खिलाड़ियों से मुकाबला करना होगा। उनके इस प्रदर्शन पर न केवल उनके परिवार और हिमाचल बल्कि पूरे भारत की निगाहें टिकी होंगी।

निष्कर्ष

15 वर्षीय श्रेया भारद्वाज ने साबित कर दिया है कि यदि लक्ष्य बड़ा हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए तो सफलता पाना नामुमकिन नहीं। हिमाचल प्रदेश की यह बेटी न केवल तलवारबाज़ी बल्कि शिक्षा, संगीत और कई अन्य क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता का उदाहरण है।

उनका नाम एशियाई कैडेट कप 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों में शामिल होना एक ऐतिहासिक क्षण है। यह पल हिमाचल और हमीरपुर के लिए गर्व का है और आने वाली युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत भी।

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