Himachal: शिमला के टुटू-तारादेवी बाईपास पर हादसों का सिलसिला जारी, नहीं लगे क्रैश बैरियर और स्ट्रीट लाइट

शिमला (हिमाचल प्रदेश): टुटू-तारादेवी बाईपास सड़क मार्ग पर सफर करना अब वाहन चालकों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। यह मार्ग एक तरफ से पहाड़ से सटा है और दूसरी ओर गहरी खाई से घिरा हुआ है, लेकिन फिर भी यहां किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। न तो सड़क के किनारे मजबूत पैराफिट लगाए गए हैं और न ही पहले से टूटे हुए पैराफिट को ठीक किया गया है। हालात इतने चिंताजनक हैं कि इस मार्ग पर अब तक कई सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें लोगों की जान तक जा चुकी है।

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स्थानीय लोगों और पंचायत प्रतिनिधियों ने कई बार इस मार्ग पर क्रैश बैरियर लगाने की मांग की है, लेकिन न तो सरकार और न ही लोक निर्माण विभाग ने कोई ठोस कदम उठाया है। सबसे ज्यादा खतरा रात के समय होता है, क्योंकि इस मार्ग पर कहीं भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगी हैं, जिससे अंधेरे में वाहन चालकों को रास्ता ठीक से नजर नहीं आता। इससे हादसों की आशंका और बढ़ जाती है।

जनवरी 2025 में नगर निगम का एक ट्रक इस बाईपास मार्ग पर गहरी खाई में गिर गया था, जिससे चालक की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके अलावा वर्ष 2024 में भी एक छोटा वाहन देर रात खाई में गिरा था, जिसमें वाहन मालिक को गंभीर चोटें आई थीं। यही नहीं, रात के समय दो बार छोटे वाहन खाई में गिर चुके हैं, जबकि दो बार बाइक सवार भी खाई में गिरकर घायल हो चुके हैं। इस मार्ग पर भरयाल स्थित कूड़ा संयंत्र भी है, जहां नगर निगम के भारी ट्रक दिन-रात आते-जाते रहते हैं, जिससे यह मार्ग और भी व्यस्त रहता है।

इसके बावजूद न तो टूटे पैराफिट को दुरुस्त किया गया है और न ही नए सुरक्षा उपकरण लगाए गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक बड़ा हादसा न हो जाए, तब तक प्रशासन कोई कदम नहीं उठाता। इस खतरनाक सड़क की अनदेखी अब लोगों की जान पर भारी पड़ रही है।

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