शाहपुर, 8 नवंबर: शाहपुर विधानसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान — नागरिक अस्पताल शाहपुर — इन दिनों अपनी बदहाल स्थिति को लेकर चर्चा में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी और आवश्यक चिकित्सा सेवाओं के ठप पड़ने से मरीजों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार, अस्पताल में कई महीनों से अल्ट्रासाउंड मशीन तो है, लेकिन उसे चलाने वाला डॉक्टर नहीं है। इसके चलते मरीजों को मजबूरन निजी क्लीनिकों या टांडा मेडिकल कॉलेज का रुख करना पड़ रहा है, जहाँ उन्हें ₹1000 से ₹1500 तक का खर्च उठाना पड़ता है।


स्थानीय नागरिकों के मुताबिक—
• ऑपरेशन थिएटर महीनों से बंद पड़ा है।
• गायनी, मेडिसिन, ऑर्थो और एनेस्थीसिया विभाग में कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं है।
• मेडिसिन विभाग की जिम्मेदारी फिलहाल बीएमओ खुद संभाल रही हैं।
अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार, लगभग 75% मरीजों को टांडा रेफर किया जाता है।
तीस बिस्तरों की क्षमता वाले इस अस्पताल में फिलहाल सिर्फ 5-6 मरीज भर्ती हैं, जबकि बाकी बिस्तर खाली पड़े हैं।

स्थानीय लोगों ने कहा कि यह स्थिति सरकार के “व्यवस्था परिवर्तन” के दावों की पोल खोल रही है। उन्होंने क्षेत्र के विधायक एवं हिमाचल सरकार में उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया से आग्रह किया है कि अस्पताल की हालत पर तत्काल ध्यान दिया जाए।
लोगों ने यह भी कहा कि यह अस्पताल शाहपुर विधानसभा क्षेत्र ही नहीं, बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों के लिए भी जीवन रेखा है, और ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं का ठप होना जनता के साथ अन्याय है।
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