Mandi: सरकाघाट – कृत्रिम गर्भाधान तकनीक से पशुपालकों को बढ़ रहा लाभ

सरकाघाट, 14 सितंबर 2025: मंडी जिले के सरकाघाट में पशुपालन विभाग द्वारा चलाए जा रहे त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम (Accelerated Breed Improvement Program) के तहत लिंग वर्गीकृत वीर्य (Sex-Sorted Semen) तकनीक से कृत्रिम गर्भाधान में सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इससे बछियों की जन्म दर बढ़ रही है और दुग्ध उत्पादकों को आर्थिक लाभ मिल रहा है।



सरकाघाट उपमण्डल के भुपिंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने 22 गायों पर यह तकनीक अपनाई, जिनमें से 6 ने बछियों को जन्म दिया। इस प्रक्रिया से उनकी प्रतिमाह आय लगभग एक लाख रुपए तक बढ़ गई है। भुपिंद्र ने बताया कि वे जर्सी, होल्सटीन, साहिवाल और गिर नस्ल की गायों से दैनिक 100 किलो से अधिक दूध उत्पादन कर रहे हैं और स्थानीय बाजार में बेचकर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं।

पशुपालन विभाग के प्रभारी चिकित्सक डॉ. राजिन्दर सिंह जस्वाल ने कहा कि इस तकनीक के माध्यम से सिर्फ “एक्स-एक्स” क्रोमोसोम वाले वीर्य का उपयोग कर बछियों की जन्म दर 90 से 95 प्रतिशत तक बढ़ाई जा रही है। विभाग की ओर से मात्र 250 रुपए में दो टीके उपलब्ध कराए जाते हैं, और यदि बछिया न पैदा हो तो राशि का हिस्सा वापस किया जाता है।



उन्होंने बताया कि इस योजना से न केवल पशुपालक आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं, बल्कि बेसहारा पशुओं की समस्या भी कम हो रही है। इसके अलावा विभाग नियमित टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, डी-वॉर्मिंग, नैदानिक जांच, उपचार और आवश्यकतानुसार कृत्रिम गर्भाधान जैसी सेवाएं प्रदान कर रहा है।

सरकाघाट के पशुपालक भुपिंद्र सिंह ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना किसानों और दुग्ध उत्पादकों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो रही है।

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