धर्मशाला, 29 सितंबर 2025: हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण पहल की गई है। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने शाहपुर विधानसभा क्षेत्र की सुधेड़ पंचायत में राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के तहत पौधारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस योजना के माध्यम से न केवल प्रदेश में हरियाली बढ़ाई जाएगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आर्थिक लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने इस अवसर पर कहा कि अगले पांच वर्षों में इस योजना के तहत कुल 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वित्त वर्ष 2025-26 में अकेले 20 करोड़ रुपए की लागत से 1000 से 1050 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण किया जाएगा। योजना के तहत पौधारोपण और उसके रखरखाव पर प्रति हेक्टेयर 1.20 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा, जिससे ग्रामीणों की आर्थिक भागीदारी भी सुनिश्चित हो सकेगी।

सुधेड़ पंचायत के कसुम्बर गांव में आयोजित इस कार्यक्रम में उपमुख्य सचेतक ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने जन्मदिन, सालगिरह या अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर पौधारोपण का संकल्प लें और हर परिवार से प्रकृति संरक्षण में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम में अरण्यपाल बासु कौशल ने योजना और महोत्सव की रूपरेखा पर विस्तार से जानकारी दी। डीएफओ राहुल कुमार ने मुख्य अतिथि सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों का पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर उपमुख्य सचेतक ने महिला मंडल बागेश्वरी, जागरूक महिला मंडल, कृपालेश्वरी महिला मंडल तथा बाबा बालक नाथ महिला मंडल को पौधे वितरित किए। साथ ही, स्थानीय स्कूल के विद्यार्थियों को स्कूल बैग भी प्रदान किए गए। इससे बच्चों में पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
कार्यक्रम के दौरान कानून सचिव श्री बाली, वैज्ञानिक अधिकारी सुनंदा पठानिया, महिला मंडल की प्रधान सुनीता, पंचायत प्रधान रेखा सहित महिला मंडल की पदाधिकारियों ने अर्जुन, जामुन, आंवला समेत विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाकर हरियाली और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगदान दिया।

स्थानीय लोग, पंचायत प्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी एवं स्कूल के विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इस पहल के माध्यम से पौधारोपण न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता के संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगा।
पौधारोपण कार्यक्रम से जुड़े लोग यह मानते हैं कि यह योजना बच्चों और युवाओं में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करेगी। साथ ही, महिला मंडलों और स्थानीय जनता की सक्रिय भागीदारी से यह पहल लंबे समय तक सकारात्मक प्रभाव पैदा करेगी।
राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के तहत लगाई जाने वाली पौधों की देखभाल पर अनुदान प्राप्त करने वाले लोग पौधारोपण के साथ-साथ इसके रखरखाव और संरक्षण में भी योगदान देंगे। इससे लंबे समय तक हरियाली बनी रहेगी और पर्यावरणीय संतुलन में सुधार होगा।

उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि इस तरह के पौधारोपण कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए आवश्यक हैं। साथ ही, लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का यह सबसे प्रभावी माध्यम भी है।
इस पहल से न केवल वनों का संरक्षण होगा, बल्कि किसानों और ग्रामीणों के लिए रोजगार और आय के नए अवसर भी पैदा होंगे। पौधारोपण के साथ-साथ स्थानीय समुदाय की भागीदारी इसे और अधिक सफल और दीर्घकालिक बनाएगी।
राज्य सरकार की यह पहल बच्चों, महिलाओं और ग्रामीण समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इससे यह संदेश भी मिलता है कि प्रकृति का संरक्षण केवल प्रशासनिक कार्य नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है।
उपमुख्य सचेतक ने सभी विभागों, पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय जनता से अपील की कि वे इस पहल को आगे बढ़ाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास से ही पर्यावरणीय संकट और वन संपदा की हानि को रोका जा सकता है।

इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि हिमाचल प्रदेश में हरियाली बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। पौधारोपण कार्यक्रम न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है, बल्कि लोगों के जीवन में स्थायी बदलाव और जागरूकता लाने में भी मदद करता है।
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