भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद पंजाब के लोगों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। अब राज्य में किसी भी शहर में ब्लैकआउट नहीं होगा। जानकारी के अनुसार, जालंधर, रूपनगर, नंगल और अमृतसर जैसे प्रमुख शहरों में अब रात के समय बिजली बंद करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह फैसला सीजफायर के बाद लिया गया है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे लोगों ने चैन की सांस ली है।
इससे पहले पंजाब के सीमावर्ती जिलों में रात के समय लाइटें बंद रखने के निर्देश जारी किए गए थे, ताकि दुश्मन की गतिविधियों के दौरान कोई टारगेट साफ न दिखे। लेकिन अब जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम पर सहमति बन गई है, तब हालात सामान्य करने की दिशा में यह पहला बड़ा कदम माना जा रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाक सीजफायर की जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा की थी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने आपसी सहमति से युद्धविराम पर हामी भरी है। इस पर भारत और पाकिस्तान दोनों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, और अब इसका असर जमीनी स्तर पर भी नजर आने लगा है।
पंजाब के कई शहरों में लोगों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। ब्लैकआउट की आशंका के कारण जो दहशत और अनिश्चितता थी, वह अब काफी हद तक खत्म हो गई है। लोगों का कहना है कि इस फैसले से न केवल मानसिक राहत मिली है, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी भी सामान्य हो सकेगी।
अब जब ब्लैकआउट नहीं होगा, तो शहरों में रात के समय सामान्य बिजली आपूर्ति बनी रहेगी और नागरिक अपनी दिनचर्या के अनुसार जीवन जी सकेंगे। खासकर व्यापारियों, छात्रों और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह एक बड़ी राहत है।
भारत और पाकिस्तान दोनों की तरफ से युद्धविराम को लेकर मिली सहमति का सीधा लाभ सीमावर्ती राज्यों को मिल रहा है। खासकर पंजाब के लिए यह बहुत अहम है, क्योंकि यह राज्य सीमा से सटा हुआ है और किसी भी तनाव की स्थिति में सबसे पहले प्रभावित होता है।
हालांकि यह सीजफायर कितने दिन तक प्रभावी रहेगा, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन फिलहाल लोगों को राहत मिली है और यही सबसे बड़ी बात है।
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