Himachal: पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना: मुफ्त बिजली का लाभ कैसे उठाएं, सरकार देगी अनुदान

कुल्लू, 2 नवम्बर: उपायुक्त तोरुल एस रवीश की अध्यक्षता में शनिवार को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से सम्बंधित एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस योजना के तहत सरकार का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मुफ्त सौर ऊर्जा की सुविधा प्रदान करना है ताकि लोग अपनी बिजली की जरूरतों को बिना किसी खर्च के पूरा कर सकें। उपायुक्त ने कहा कि पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं ताकि लोग इस योजना के बारे में जान सकें और इसका लाभ ले सकें। उन्होंने योजना के लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अपनी बिजली बिल में बचत करना चाहते हैं।

योजना का उद्देश्य और लाभ

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य घर-घर में सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाना है ताकि लोग अपनी विद्युत आवश्यकताओं को पूरी तरह से नवीकरणीय स्रोत से पूरा कर सकें। इस योजना के तहत, उपभोक्ता द्वारा घर पर स्थापित सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली का उपयोग अपने दैनिक कार्यों में किया जा सकता है, और अतिरिक्त बिजली ग्रिड में भेजी जा सकती है। इस योजना से न केवल पर्यावरण को लाभ मिलेगा बल्कि आम लोगों के बिजली बिल में भी बड़ी बचत होगी।

उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने कहा कि इस योजना के तहत सरकारी अनुदान भी दिया जा रहा है ताकि सोलर पैनल लगाने का खर्च कम किया जा सके। इसके अलावा, उन्होंने योजना के अंतर्गत शुरू में कुछ क्षेत्रों को चिन्हित करने के निर्देश दिए ताकि वहां के लोगों को इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

कैसे काम करती है सोलर रूफटॉप योजना?

सोलर रूफटॉप सिस्टम के तहत, सोलर पैनल सूरज की रोशनी से बिजली का उत्पादन करता है। उपभोक्ता द्वारा इस बिजली का उपयोग घर के अंदर के विभिन्न कार्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि बिजली उपकरण, लाइटिंग, और अन्य विद्युत आवश्यकताओं के लिए। अगर उत्पन्न की गई बिजली जरूरत से ज्यादा हो, तो वह ग्रिड में भेजी जाती है। इसके लिए नेट मीटरिंग का उपयोग किया जाता है, जिससे उपभोक्ता को अतिरिक्त बिजली के लिए बिल में छूट मिलती है।

योजना के अंतर्गत लगाए गए सोलर पैनल का जीवनकाल लगभग 25 वर्षों का होता है। इसके पहले 3-4 वर्षों में उपभोक्ता द्वारा सोलर सिस्टम पर किए गए खर्च की भरपाई हो जाती है, और उसके बाद लगभग 21 वर्षों तक बिना किसी अतिरिक्त खर्च के बिजली मिलती रहती है। इससे उपभोक्ताओं को बड़ी आर्थिक राहत मिलती है, जो कि आज के समय में अत्यंत आवश्यक है।

सरकारी अनुदान की व्यवस्था

हिम ऊर्जा के परियोजना अधिकारी प्रेम दास ने बैठक में जानकारी दी कि सरकार विभिन्न क्षमताओं के सोलर संयंत्रों पर अनुदान प्रदान कर रही है। यह अनुदान निम्नलिखित प्रकार से है:

  • 1 किलोवाट सोलर संयंत्र पर अनुदान: ₹30,000
  • 2 किलोवाट सोलर संयंत्र पर अनुदान: ₹60,000
  • 3 किलोवाट या उससे अधिक के सोलर संयंत्र पर अनुदान: ₹78,000

यह अनुदान सोलर पैनल की स्थापना के बाद उपभोक्ता के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर किया जाता है। इस अनुदान से उपभोक्ता को सोलर पैनल की स्थापना में आर्थिक सहायता मिलती है और उनका शुरुआती निवेश काफी कम हो जाता है। इस प्रकार, यह योजना सरकार द्वारा हर नागरिक को नवीकरणीय ऊर्जा के लाभ से जोड़ने का एक सराहनीय प्रयास है।

आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक उपभोक्ताओं को राष्ट्रीय पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सरल और सीधी है, जिसके तहत उपभोक्ता को अपने बिजली कंज्यूमर नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी पोर्टल पर भरनी होती है। आवेदन जमा करने के बाद संबंधित अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया जाता है और सोलर सिस्टम की स्थापना की प्रक्रिया शुरू होती है।

नेट मीटरिंग की प्रक्रिया

सोलर रूफटॉप संयंत्र के अंतर्गत उपभोक्ता द्वारा उत्पन्न बिजली का उपयोग करने के उपरांत, जो भी अतिरिक्त बिजली होती है, वह ग्रिड में जाती है। नेट मीटरिंग प्रणाली के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि उपभोक्ता द्वारा ग्रिड में भेजी गई अतिरिक्त बिजली के लिए उसे बिजली बिल में छूट मिले। इस तरह, उपभोक्ता को सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली का पूर्ण लाभ मिलता है, और वे अपनी बिजली बिल को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

सोलर संयंत्र की दीर्घकालिकता और रखरखाव

बैठक में यह भी बताया गया कि सोलर संयंत्र का जीवनकाल लगभग 25 वर्षों का होता है, और इस दौरान इसकी देखभाल बहुत ही मामूली होती है। एक बार स्थापित होने के बाद संयंत्र से 21 वर्षों तक उपभोक्ता को मुफ्त बिजली मिलती रहती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति को भी सुधारने में मदद मिलती है। सोलर पैनल की सफाई और नियमित निरीक्षण से इसके प्रदर्शन को बनाए रखा जा सकता है। इसके अलावा, सरकार द्वारा सोलर संयंत्रों के रखरखाव के लिए भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि उपभोक्ता इसे लम्बे समय तक इस्तेमाल कर सकें।

योजना से पर्यावरण को लाभ

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना न केवल आम लोगों को आर्थिक लाभ देती है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी महत्वपूर्ण लाभ मिलता है। सोलर ऊर्जा के उपयोग से कोयला या अन्य पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता घटती है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है। इससे पर्यावरण के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान मिलता है और ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में भी सहायता मिलती है।

निष्कर्ष

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से लोगों को बिजली के खर्च से राहत मिलती है और उन्हें सौर ऊर्जा के माध्यम से एक स्थायी और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मिलता है। इस योजना का उद्देश्य हर घर तक सोलर ऊर्जा पहुंचाना है ताकि लोग अपनी बिजली की जरूरतों को सोलर ऊर्जा से पूरा कर सकें और अपने बिजली बिल में भी बचत कर सकें। सरकार द्वारा अनुदान और सरल आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उपयोगी साबित हो रही है।

For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!

Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!

--Advertisement--

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

Kangra: एक और साइबर ठगी: जवाली के युवक से शातिरों ने ठगे ₹75,000

एक और साइबर ठगी का मामला सामने आया है,...

Mandi: कर्मचारी विरोधी नीतियों पर कांग्रेस सरकार घिरी: जयराम ठाकुर का तीखा हमला

नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल...

Una: बीटन गांव के साहसी सैनिक की लेह-लद्दाख में हृदय गति रुकने से शहादत

हरोली क्षेत्र के अंतर्गत बीटन गांव के एक वीर...

Hamirpur: महिला द्वारा लाखों की चोरी, पुलिस ने 5 दिन में किया खुलासा, गिरफ्तार

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के शिवनगर में हुई...