ऑप्रेशन के बाद मरीज की मौत का मामला: सरकारी महिला चिकित्सक सस्पेंड, परिवार ने चेताया – ठोस कार्रवाई न हुई तो होगा धरना प्रदर्शन
ऊना: एक निजी अस्पताल में ऑप्रेशन के बाद महिला मरीज की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाया है। स्वास्थ्य सचिव ने ऑप्रेशन करने वाली सरकारी महिला चिकित्सक को निलंबित कर दिया है और उनका मुख्यालय शिमला निर्धारित कर दिया गया है। वहीं मृतका के परिवार ने इस मामले में न्याय की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि 3 दिनों के भीतर ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो धरने और विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
मृतका के परिवार ने शुक्रवार को पुलिस थाना सदर और क्षेत्रीय अस्पताल ऊना पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई। मृतका के परिजन गुरचरण सिंह ने कहा कि उनकी मांग है कि डॉक्टर को गिरफ्तार किया जाए और सरकारी सेवा से बर्खास्त किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर न्याय नहीं मिला, तो किसान संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई और पुलिस जांच
सीएमओ ऊना, डॉ. एसके वर्मा ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य सचिव ने संबंधित महिला चिकित्सक को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही निजी अस्पताल से सभी रिकॉर्ड मांगे गए हैं और जांच रिपोर्ट तैयार कर निदेशालय को भेजी जाएगी।
ऊना पुलिस के एएसपी संजीव भाटिया ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है और मृतका के परिवार के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और टांडा मेडिकल कॉलेज से पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
परिवार का आक्रोश और मांगें
मृतका के परिजन ने क्षेत्रीय अस्पताल के सीएमओ और एमएस से मुलाकात कर दोषी डॉक्टर को बर्खास्त करने और निजी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि यह साफ-साफ मेडिकल लापरवाही का मामला है, जिसमें जानबूझकर मरीज की जान खतरे में डाली गई।
आंदोलन की चेतावनी
परिवार ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर 3 दिनों में कार्रवाई नहीं हुई, तो वह सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे और किसान संगठनों को भी इस आंदोलन में शामिल होने के लिए बुलाएंगे।
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