नूरपुर, 27 अक्तूबर 2025: हिमाचल प्रदेश के नूरपुर वन मंडल में फील्ड स्टाफ की भारी कमी सामने आई है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए वन मंडल अधिकारी (DFO) अमित शर्मा ने धर्मशाला स्थित मुख्य वन संरक्षक (CF) को पत्र लिखकर तत्काल स्टाफ की तैनाती की मांग की है।
डीएफओ द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार, नूरपुर वन मंडल में वर्तमान में सिर्फ 4 रेंज अफसर, 19 ब्लॉक अफसर और 64 फॉरेस्ट गार्ड कार्यरत हैं। जबकि स्वीकृत पदों के अनुसार यहां 6 रेंज अफसर, 27 ब्लॉक अफसर और 96 फॉरेस्ट गार्ड होने चाहिए। यानी मंडल में 40 प्रतिशत से अधिक स्टाफ की कमी है, जिससे वन प्रबंधन और सुरक्षा कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
इंदोरा रेंज सबसे अधिक प्रभावित
रिपोर्ट के मुताबिक, इंदोरा परिक्षेत्र की स्थिति सबसे चिंताजनक है। यहां स्वीकृत 27 फॉरेस्ट गार्ड पदों के मुकाबले केवल 12 तैनात हैं, जबकि ब्लॉक अफसरों की संख्या भी सात के मुकाबले चार ही रह गई है।
वन विभाग का कहना है कि इंदोरा क्षेत्र वन संरक्षण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है और स्टाफ की कमी के चलते यहां वन सुरक्षा कार्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
खैर कटाई और दस वर्षीय फेलिंग प्रोग्राम पर असर
डीएफओ अमित शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि स्टाफ की कमी के कारण इस क्षेत्र में खैर वृक्षों की मार्किंग और कटाई का कार्य फिलहाल ठप पड़ गया है।
विभाग के “दस वर्षीय फेलिंग प्रोग्राम” के तहत निर्धारित कार्य स्थगित कर दिए गए हैं।
इसके अलावा, चालू वर्ष की कार्ययोजना में शामिल साइल्वीकल्चरल (वन प्रबंधन) गतिविधियाँ भी लागू नहीं हो पा रही हैं।
डीएफओ की अपील – तुरंत नियुक्ति जरूरी
डीएफओ ने विभाग से अनुरोध किया है कि इंदोरा रेंज समेत पूरे नूरपुर वन मंडल में आवश्यक फील्ड स्टाफ की शीघ्र तैनाती की जाए।
उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर वन संरक्षण और प्रबंधन कार्य ठप पड़ सकते हैं, जिससे जंगलों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
मुख्य बिंदु:
• नूरपुर वन मंडल में 96 में से केवल 64 फॉरेस्ट गार्ड कार्यरत
• इंदोरा रेंज में खैर पेड़ों की कटाई कार्यक्रम स्थगित
• वन सुरक्षा और संरक्षण कार्यों पर असर
• डीएफओ ने तत्काल स्टाफ तैनाती की मांग की
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