Kullu: “देवता बोले – अब भी नहीं सुधरे इंसान तो रघुनाथ जी के चरण छूकर बह जाएगी ब्यास!” नग्गर में 250 देवी-देवताओं की चेतावनी

नग्गर (कुल्लू) | 31 अक्तूबर 2025: ऐतिहासिक नग्गर कैसल प्रांगण शुक्रवार को एक दिव्य और गंभीर माहौल का साक्षी बना। यहां आयोजित देव संसद (बड़ी जगती) में कुल्लू, मंडी और लाहौल-स्पीति जिलों से लगभग 250 देवी-देवताओं ने शिरकत की।

देवताओं ने मानव जाति को स्पष्ट चेतावनी दी — “देव स्थलों के साथ छेड़छाड़ और गौ माता की अनदेखी अब किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

देवताओं का कहना था कि प्रकृति की विपदाएं इंसानों के गलत कार्यों का ही परिणाम हैं। उन्होंने चेताया कि अगर मनुष्य अपनी मनमानी से नहीं रुका तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

“अभी तो केवल एक लौटा पानी गिरा है…”

देवताओं ने हाल की बरसाती तबाही को “देव क्रोध” का संकेत बताया।

देवताओं ने कहा — “भोलेनाथ ने अभी तो सिर्फ एक लौटा पानी छलकाया है। अगर मानव जाति ने सुधार नहीं किया, तो आने वाले समय में ब्यास रघुनाथ जी के चरण छूकर गुजर जाएगी, और तबाही का मंजर कोई नहीं रोक सकेगा।”

देव स्थलों से छेड़छाड़ पर कड़ा ऐतराज

देवताओं ने अपने तपोस्थलों में हो रही छेड़छाड़ पर गहरी चिंता जताई।

कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया कि घाटी के आराध्य ऋषि जमलू ने आदेश दिया है कि देव नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।

पराशर ऋषि ने भी देव स्थलों से छेड़छाड़ को आपदाओं का मुख्य कारण बताया।

लाहौल-स्पीति से आए देवताओं ने माता हिडिंबा के आदेशों का “अक्षरशः पालन” करने की बात कही।

🐄 “गौ माता को छोड़ना पाप है, परिणाम होंगे गंभीर”

देव संसद में गौ माता के प्रति हो रही लापरवाही पर भी नाराजगी जताई गई।

देवताओं ने कहा कि केवल “गौ माता” कह देने से दायित्व पूरा नहीं हो जाता —

“उन्हें अपनाना और संभालना ही सच्ची भक्ति है। अगर गायों को बेसहारा छोड़ा गया, तो परिणाम अत्यंत गंभीर होंगे।”

सुबह से शुरू हुई देव संसद, शाम तक चला आयोजन

देव संसद का शुभारंभ सुबह 8 बजे नग्गर कैसल स्थित जगतीपट मंदिर में हुआ।

जगती का संचालन मंदिर के कारदार महेश्वर सिंह ने देव नियमों के अनुसार किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ कुल्लू राजघराने के रूपी पैलेस से लाए गए ‘धड़छ’ से हुआ।

दोपहर तक विभिन्न स्थानों से देवी-देवता मंदिर परिसर में पहुंचे और करीब 3 बजे जगती संपन्न हुई।

महेश्वर सिंह ने बताया कि कुल्लू घाटी में जब भी संकट आता है, तब देव संसद यानी जगती का आयोजन किया जाता है।

देवताओं ने इस बार ढालपुर मैदान में हो रही गतिविधियों पर चिंता जताते हुए महायज्ञ करवाने का आदेश भी दिया।

For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!

Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!