हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी शहर की लगातार बनी पेयजल समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। शुक्रवार को उन्होंने सकोर गांव के पास ऊहल नदी पेयजल योजना का विस्तृत निरीक्षण किया, जो मंडी शहर की मुख्य जलापूर्ति लाइन मानी जाती है। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जल शक्ति विभाग को पाइपलाइन के रिलाइनमेंट और स्थायी समाधान के लिए तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

बरसात और भूस्खलन के कारण इस 28 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन को भारी नुकसान पहुंचा था। सकोर गांव के पास लगभग 300 मीटर क्षेत्र में बार-बार पहाड़ खिसकने से पाइपलाइन टूटती रही, जिससे मंडी शहर की पानी सप्लाई लगातार बाधित हुई। स्थिति गंभीर होने पर आईआईटी मंडी की तकनीकी टीम से विस्तृत जांच करवाई गई और उनके सुझावों के आधार पर अब पाइपलाइन का रिलाइनमेंट शुरू कर दिया गया है।
नई योजना के मुताबिक भूस्खलन वाले जोखिमपूर्ण हिस्से को पूरी तरह बाईपास करते हुए 450 मिलीमीटर व्यास की 970 मीटर लंबी नई ग्रैविटी मेन पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इस नई लाइन के बन जाने से बार-बार होने वाले पाइप फटने और मरम्मत के झंझट खत्म होंगे, साथ ही लाखों रुपये का खर्च भी बचेगा। सबसे बड़ी राहत यह होगी कि मंडी शहर की 50 हजार से ज्यादा आबादी को हर मौसम में बिना रुकावट पानी मिल सकेगा।

जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के अनुसार रियागड़ी से मंडी तक आने वाली यह योजना प्रतिदिन 16 एमएलडी पानी की सप्लाई देती है। उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि यह परियोजना मंडी शहर की लाइफलाइन है, इसलिए काम में किसी भी प्रकार की देरी न की जाए। निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता उपेंद्र वैद्य ने उपमुख्यमंत्री को पूरी परियोजना की जानकारी दी। इस मौके पर मिल्क फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष चेतराम ठाकुर और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
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