मंडी जिले में सरकार के फैसले का असर जमीन पर दिखने लगा है। राज्य दुग्ध संघ ने पिछले साल की तुलना में दूध संग्रह में बड़ी वृद्धि दर्ज की है। हिमाचल प्रदेश दुग्ध संघ की चक्कर इकाई ने जुलाई 2024 में 20,79,678 किलो दूध प्राप्त किया, जो पिछले साल जुलाई 2023 में प्राप्त 10,25,487 किलो दूध से लगभग दोगुना है। अगस्त 2024 में भी दूध संग्रह बढ़कर 21,56,935 किलो तक पहुंच गया। खास बात यह है कि सितंबर में इकाई ने एक ही दिन में 91,000 किलो दूध प्राप्त कर नया रिकॉर्ड बनाया, जो चक्कर इकाई का अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है।
दूध उत्पादन में यह वृद्धि सरकार द्वारा अप्रैल 2024 में दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के फैसले का परिणाम है। गाय के दूध का समर्थन मूल्य बढ़ाकर ₹45 प्रति लीटर और भैंस के दूध का ₹55 प्रति लीटर कर दिया गया है। इस कदम से लोगों का दूध उत्पादन की ओर रुझान बढ़ा है और वे संघ के माध्यम से दूध बेचने के लिए आगे आ रहे हैं।
इस मूल्य वृद्धि का लाभ चक्कर इकाई से जुड़े करीब 16,000 दुग्ध उत्पादकों को मिला है, जिससे उनकी मासिक आय में ₹2.5 से 3 करोड़ की वृद्धि हुई है। वर्तमान में चक्कर इकाई से 216 दुग्ध सहकारी समितियां जुड़ी हुई हैं, जो विभिन्न केंद्रों से दूध इकट्ठा कर चक्कर संयंत्र तक पहुंचाती हैं।
भडयाल पंचायत की सावित्री देवी जैसी कई दुग्ध उत्पादकों ने सरकार के इस फैसले की सराहना की है और कहा है कि दूध के मूल्य में वृद्धि से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। अन्य उत्पादकों जैसे सुनीता वालिया, मीना और पूजा वालिया ने भी इस निर्णय की तारीफ की और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया है। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि सरकार कृषि, बागवानी, पशुपालन और सहायक क्षेत्रों में एकीकृत विकास के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इन योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक समय पर पहुंचे।