सोमवार रात 2:30 बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने चंडीगढ़-मनाली फोरलेन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। मंडी जिले के 4 मील, 6 मील, 9 मील और जगर नाला सहित कई स्थानों पर भारी भूस्खलन हुआ, जिससे सड़क पर भारी मात्रा में मलबा और चट्टानें आ गिरीं। हालात इतने खराब हो गए कि सड़क एक बहते नाले जैसी दिखने लगी और पानी का बहाव इतना तेज़ था कि लोगों को लगने लगा कि यह मार्ग अब जल्दी नहीं खुलेगा।
इस आपदा के कारण हाईवे पर यात्रा कर रहे सैकड़ों वाहन चालकों और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। 9 मील से लेकर कुटर तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ट्रक, बसें, टूरिस्ट वाहन और निजी कारें जहां थीं, वहीं रुक गईं। लगातार बारिश के बीच यात्री पूरी रात अपने वाहनों में ही भूखे-प्यासे फंसे रहे। चारों तरफ खतरे की स्थिति बनी रही और मदद मिलने की उम्मीदें भी कम होती गईं।
हालात को देखते हुए स्थानीय प्रशासन, पुलिस और फोरलेन निर्माण कंपनी की टीमों ने तड़के से राहत कार्य शुरू किया। जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम शुरू हुआ। मंगलवार सुबह करीब 11:30 बजे तक मंडी से पंडोह के बीच का मार्ग आंशिक रूप से खोला जा सका। लेकिन इसी दौरान जोगणी मोड़ पर एक और बड़ा भूस्खलन हो गया, जिसमें पूरी पहाड़ी सड़क पर आ गिरी। इससे मार्ग दोबारा पूरी तरह से बंद हो गया।
बारिश कुछ थमने के बाद लोक निर्माण विभाग और निर्माण कंपनी की मशीनें फिर सक्रिय हो गईं। मलबा हटाने का कार्य दोबारा शुरू किया गया और लगातार चलता रहा। कड़ी मेहनत और प्रशासनिक समन्वय से मंगलवार शाम करीब 5:15 बजे पूरे मार्ग को फिर से खोल दिया गया। इसके बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकी।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पंडोह पुलिस चौकी प्रभारी अनिल कटोच ने जानकारी दी कि मार्ग सोमवार रात से पूरी तरह बंद था और मंगलवार सुबह तक आंशिक रूप से बहाल किया गया था। लेकिन जोगणी मोड़ पर फिर से भूस्खलन होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से सभी वाहनों को 9 मील और बिंद्राबणी के पास रोक दिया गया था। उन्होंने लोगों से अपील की है कि मौसम खराब होने पर इस मार्ग पर यात्रा करने से बचें और विशेष रूप से रात के समय सावधानी बरतें।
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