Home हिमाचल किन्नौर Himachal: इस बार 45 दिनों तक चलेगी किन्नर कैलाश यात्रा, जानें पंजीकरण से लेकर सुविधाओं तक की पूरी जानकारी!

Himachal: इस बार 45 दिनों तक चलेगी किन्नर कैलाश यात्रा, जानें पंजीकरण से लेकर सुविधाओं तक की पूरी जानकारी!

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Himachal: इस बार 45 दिनों तक चलेगी किन्नर कैलाश यात्रा, जानें पंजीकरण से लेकर सुविधाओं तक की पूरी जानकारी!

हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर में स्थित पवित्र किन्नर कैलाश यात्रा इस वर्ष पहले से कहीं अधिक भव्य और विस्तृत रूप में आयोजित की जा रही है। इस बार यात्रा की अवधि को बढ़ाकर 15 जुलाई से 30 अगस्त तक कर दिया गया है, यानी कुल 45 दिन तक यह धार्मिक यात्रा चलेगी। पहले यह यात्रा सिर्फ 15 दिनों की होती थी, लेकिन श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या और इसके धार्मिक महत्व को देखते हुए जिला प्रशासन ने इसकी अवधि तीन गुना बढ़ाने का निर्णय लिया है।

प्रदेश की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में गिनी जाने वाली किन्नर कैलाश यात्रा की शुरुआत तांगलिंग गांव से होती है, जो समुद्रतल से लगभग 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यात्रा का अंतिम पड़ाव किन्नर कैलाश की चोटी है, जिसकी ऊंचाई लगभग 19,850 फीट है। इस यात्रा को पूरा करने में कम से कम दो दिन का समय लगता है।

यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू हुई और पहले ही दिन 15 जुलाई से 20 जुलाई तक के सभी स्लॉट सिर्फ एक घंटे में भर गए। इससे साफ है कि श्रद्धालुओं में इस बार यात्रा को लेकर भारी उत्साह है। ऑनलाइन पंजीकरण सुबह 10:30 बजे से जिला प्रशासन की आधिकारिक वेबसाइट hpkinnaur.nic.in पर किया जा सकता है, जबकि ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा तांगलिंग गांव में दोपहर 2 बजे से पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर उपलब्ध होगी।

प्रशासन ने यात्रा के दौरान प्रतिदिन 350 श्रद्धालुओं को ही अनुमति देने का निर्णय लिया है। इसमें 175 यात्री ऑनलाइन पंजीकरण से, 125 यात्री ऑफलाइन पंजीकरण से, और 50 यात्री किन्नौर टूरिज्म एसोसिएशन के कोटे से शामिल होंगे। सुरक्षा और सुविधा के लिहाज़ से प्रशासन ने व्यापक इंतज़ाम किए हैं। यात्रा मार्ग पर 20 पुलिस कर्मी, होमगार्ड, वन विभाग के 7 कर्मचारी, 3 मेडिकल स्टाफ, और 1 चिकित्सक तैनात रहेंगे। इसके अलावा, पूरे मार्ग पर 6 सीसीटीवी कैमरे, 13 शौचालय, और पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। यात्रियों की सहूलियत के लिए तांगलिंग गांव, मोलिंग खट्टा (गणेश पार्क) और गुफा में 2-2 बेस कैंप स्थापित किए गए हैं।

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिना वैध पंजीकरण और मेडिकल सर्टिफिकेट के किसी भी श्रद्धालु को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई बिना अनुमति यात्रा करता हुआ पकड़ा गया, तो उसे तुरंत वापस भेज दिया जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। मेडिकल जांच की सुविधा पीएचसी तांगलिंग में सुबह 9:30 बजे से शाम 4 बजे तक उपलब्ध होगी, और प्रमाण पत्र सात दिनों तक वैध रहेगा। इसके साथ ही, सभी यात्रियों को पंजीकरण के समय अंडरटेकिंग फॉर्म भरना अनिवार्य होगा और एक बार के लिए ₹200 ग्रीन टैक्स देना होगा। खास बात यह है कि जो यात्री ऑनलाइन पंजीकरण कर चुके हैं, यदि वे सुबह 11 बजे तक रिपोर्ट नहीं करते, तो उनका स्लॉट रद्द कर दिया जाएगा और किसी अन्य को दे दिया जाएगा।

भोजन, रात्रि विश्राम और सेवाओं के लिए शुल्क भी तय कर दिए गए हैं ताकि किसी भी श्रद्धालु से मनमाना पैसा न वसूला जा सके। एक फुल थाली ₹200, मैगी ₹60, चाय ₹20 प्रति कप, गाइड शुल्क ₹1500 से ₹2000 प्रति दिन, सामान उठाने वाले पोर्टर का शुल्क ₹1000, और मोलिंग खट्टा में रात्रि ठहराव के लिए बिना भोजन ₹700, तथा भोजन सहित ₹1300 तय किए गए हैं।

इस पूरी व्यवस्था को लेकर कल्पा के उपमंडलाधिकारी और जिला पर्यटन अधिकारी अमित कल्धाइक ने बताया कि प्रशासन ने यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और हर स्तर पर इंतज़ाम किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आगे के ऑनलाइन स्लॉट मौसम की स्थिति को देखते हुए खोले जाएंगे, जिसके लिए श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन की वेबसाइट पर लगातार नजर बनाए रखनी चाहिए।

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