कांगड़ा वैली कार्निवाल 2025 के तहत कांगड़ा वैली कार्निवाल लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन गुरुवार को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धर्मशाला के ऑडिटोरियम में किया गया। इस साहित्य उत्सव में साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े प्रतिष्ठित लोगों के साथ बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद रहे। कार्यक्रम साहित्य, रंगमंच, संगीत और बौद्धिक संवाद का जीवंत संगम बनकर सामने आया।
इस अवसर पर उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि साहित्य समाज की आत्मा होता है, जो विचारों को दिशा देने के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं को भी मजबूती देता है। उन्होंने ऐसे आयोजनों को आत्मचिंतन और सार्थक संवाद का मंच बताते हुए कहा कि कांगड़ा वैली कार्निवाल लिटरेचर फेस्टिवल जैसे कार्यक्रम स्थानीय कला, संस्कृति और साहित्य के संरक्षण में अहम भूमिका निभाते हैं। सीमित समय में सफल आयोजन के लिए उन्होंने आयोजकों को बधाई दी और भरोसा जताया कि यह साहित्य उत्सव आने वाले वर्षों में और ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।

उपायुक्त ने कहा कि कांगड़ा जिला ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक दृष्टि से समृद्ध रहा है और इस तरह के आयोजन जिले की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत करते हैं। उन्होंने युवाओं से साहित्य और संस्कृति से जुड़कर अपनी रचनात्मक सोच को विकसित करने का आह्वान भी किया।
मुख्य वक्ता के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और कांगड़ा के प्रख्यात विद्वान के.सी. शर्मा ने “साहित्य: समाज की अंतरात्मा” विषय पर विचारोत्तेजक व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की आत्मा उसके साहित्य में झलकती है और साहित्य सामाजिक चेतना, नैतिक मूल्यों तथा मानवीय संवेदनाओं को मजबूत करने का सशक्त माध्यम है।

इसके बाद ‘वेब’ नामक सामाजिक नाटक का मंचन किया गया, जिसमें हिमाचल प्रदेश में बढ़ते चिट्टा संकट को एक संवेदनशील पारिवारिक कहानी के जरिए प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। केदार ठाकुर द्वारा रचित और निर्देशित इस नाटक ने सामाजिक बहिष्कार, आंतरिक संघर्ष, नैतिक समझौते और युवाओं के टूटते सपनों को मंच पर जीवंत कर दिया, जिससे यह संदेश गया कि रंगमंच सामाजिक जागरूकता और बदलाव का मजबूत जरिया है।
साहित्य उत्सव के दौरान आत्मा रंजन, सत्य नारायण स्नेही, गौतम व्यथित, कुलदीप गर्ग तरुण, कर्नल विवेक, रेखा डडवाल, विकास राणा और रजनीश्वर चौहान जैसे प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने कविता, ग़ज़ल और लघुकथा पाठ के माध्यम से कार्यक्रम को साहित्यिक ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

कार्यक्रम के अंत में एसडीएम देहरा कुलवंत सिंह ने “एआई के युग में पठन, चिंतन और प्रतिरोध” विषय पर आयोजित पैनल चर्चा का कुशल संचालन किया। इस चर्चा में आधुनिक तकनीक के दौर में साहित्य और मानवीय विवेक की भूमिका पर गहन विमर्श हुआ, जिसने इस आयोजन को एक यादगार और सफल आयोजन बना दिया।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!