धर्मशाला, 12 जून। कांगड़ा जिले में अब ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का संचालन बिना पंजीकरण के नहीं किया जा सकेगा। जिला दंडाधिकारी हेमराज बैरवा ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा है कि ड्रोन का इस्तेमाल करने वाले सभी व्यक्तियों, संस्थाओं, संस्थानों और सरकारी एजेंसियों को आगामी सात दिनों के भीतर अपने ड्रोन संबंधित पुलिस थाने में पंजीकृत करवाना होगा। यह निर्णय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 33 और 34 के अंतर्गत लिया गया है, जिसका उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना और सार्वजनिक हितों की रक्षा करना है।

जारी आदेशों के अनुसार, भविष्य में जो भी ड्रोन खरीदे जाएंगे, उन्हें भी खरीद की तिथि से सात दिनों के भीतर पंजीकृत कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान ड्रोन का मॉडल, उसका सीरियल नंबर (यदि उपलब्ध हो), उड़ान क्षमता, उपयोग का उद्देश्य (जैसे कृषि, फोटोग्राफी, निगरानी या आपातकालीन सेवाएं आदि), ऑपरेटर का नाम, पता और संपर्क जानकारी, तथा अगर लागू हो तो रिमोट पायलट लाइसेंस की प्रति जमा करवाना जरूरी होगा।
उपायुक्त ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ड्रोन पंजीकरण के लिए एक रजिस्टर तैयार करें और इन जानकारियों को समय-समय पर पुलिस अधीक्षक कांगड़ा को रिपोर्ट करें। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जो व्यक्ति या संस्था इन निर्देशों का पालन नहीं करेगी, उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यह आदेश सुरक्षा कारणों और ड्रोन के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से जारी किए गए हैं, ताकि जिले में ड्रोन संचालन पारदर्शी और नियंत्रित ढंग से हो सके।
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