
राहें कठिन थीं, लेकिन हौसले उससे भी बुलंद। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज क्षेत्र में स्थित दूरदराज देज़ी गांव हाल ही में बादल फटने की आपदा का सामना कर चुका है। इस भीषण प्राकृतिक त्रासदी ने गांव में भारी तबाही मचाई है, जिसकी तस्वीरें आज भी गांव के हर कोने में साफ देखी जा सकती हैं। प्रभावित क्षेत्रों में अब भी राहत और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे विकट समय में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आई.टी.बी.पी.) के जवान लगातार अपने अद्वितीय साहस और समर्पण से राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।

रविवार के दिन आईटीबीपी के जवानों ने भारी-भरकम पत्थरों और तेज बहाव वाले नदी-नालों को पार करते हुए देज़ी गांव तक राहत सामग्री पहुंचाई। यह मार्ग इतना कठिन था कि किसी वाहन या मशीन से पहुंचना संभव नहीं था। जवानों ने आवश्यक सामग्री अपने कंधों पर उठाकर गांव के प्रभावित परिवारों तक पहुंचाई। यह कार्य न केवल शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि मानसिक रूप से भी अत्यंत दृढ़ता की मांग करता था।
इस संकट की घड़ी में आईटीबीपी का यह प्रयास प्रशासन और ग्रामीणों दोनों के लिए एक बड़ी राहत बनकर सामने आया है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, मंडी ने भी आईटीबीपी जवानों के निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है। जवानों की यह सेवा, कठिन परिस्थितियों में भी मानवीय मूल्यों और कर्तव्यपरायणता का जीवंत उदाहरण है। गांव के लोगों ने इस मदद को अविस्मरणीय बताया और जवानों को सच्चे अर्थों में “देवदूत” कहा।
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