प्रदेश के प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी शिमला में डॉक्टर-मरीज मारपीट मामले ने अब बड़ा मोड़ ले लिया है। इस प्रकरण को लेकर डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला कर लिया है। हालांकि शुक्रवार सुबह डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से ओकओवर में मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच शुरू कराने का आश्वासन दिया, लेकिन इसके बावजूद शाम को रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी। इस फैसले को हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन और अन्य मेडिकल संगठनों का भी समर्थन मिल गया है।
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के फैसले के बाद 27 दिसंबर सुबह 9.30 बजे से आईजीएमसी में ओपीडी और अन्य नियमित सेवाएं पूरी तरह बंद रहेंगी। केवल आपातकालीन सेवाएं ही जारी रहेंगी, जिससे आम मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
जानकारी के अनुसार आईजीएमसी की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, एचएमओए हिमाचल प्रदेश और सैमडिकोट शिमला के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम के तथ्यों पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने सभी सबूतों के आधार पर मामले की जांच शुरू कराने और अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा का भरोसा दिलाया। बैठक में यह भी सामने आया कि आईजीएमसी में सुरक्षा खामियों के कारण भीड़ द्वारा ट्रायल और मीडिया ट्रायल जैसी स्थिति बनी, जिससे अस्पताल का सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ। इसके बावजूद आरडीए अपनी मांगों पर अडिग है।
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने अपनी प्रमुख मांगों में डॉ. राघव के खिलाफ जारी टर्मिनेशन ऑर्डर को तुरंत रद्द करने, आईजीएमसी परिसर में डॉक्टरों को डराने-धमकाने और भीड़ द्वारा ट्रायल किए जाने के मामले में संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग रखी है। इसके अलावा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई, डॉ. राघव को कथित धमकियों के मामले में केस दर्ज करने और अस्पताल में सीसीटीवी कवरेज व सुरक्षा खामियों की जिम्मेदारी तय करने की भी मांग की गई है।
आरडीए अध्यक्ष डॉ. सोहेल शर्मा ने कहा कि जनरल हाउस और अन्य मेडिकल एसोसिएशनों के साथ चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि शनिवार सुबह 9.30 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होगी और मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ. विकास ठाकुर और सैमडिकोट शिमला के अध्यक्ष डॉ. बलवीर वर्मा ने भी आरडीए को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है।
इस मामले के सामने आने के बाद आरडीए को प्रदेश और देश की कई मेडिकल और कर्मचारी संगठनों का समर्थन मिल रहा है। एचएमओए, सैमडिकोट और लद्दाख मेडिकल एसोसिएशन के साथ-साथ आईएमए, ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स एचपी, फैकल्टी ऑफ रेजिडेंट एसोसिएशन इंडिया, छत्तीसगढ़ इन सर्विस डॉक्टर एसोसिएशन और एम्स दिल्ली सहित कई संगठनों ने समर्थन जताया है।
आईजीएमसी में डॉक्टर-मरीज मारपीट का यह मामला अब दिल्ली तक पहुंच चुका है। पूरे घटनाक्रम की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाई गई है और उन्हें पत्र भेजा गया है। हालांकि प्रधानमंत्री या पीएमओ की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन यह मामला अब प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
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