हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में संचालित बीटेक कोर्स के दूसरे सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। परीक्षा परिणाम में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के फेल होने से छात्र खासे परेशान हैं। फेल हुए विद्यार्थियों का कहना है कि उनके पेपर अच्छे हुए थे, इसके बावजूद उन्हें फेल घोषित कर दिया गया है। छात्रों का दावा है कि कई ऐसे विद्यार्थी भी असफल दिखाए गए हैं जो पहले टॉपर रहे हैं।
परीक्षा परिणाम को लेकर नाराज विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से उत्तर पुस्तिकाओं की नि:शुल्क री-चेकिंग की मांग की है। छात्रों का कहना है कि वे जल्द ही इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर सिंह और परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल से मुलाकात करेंगे। विद्यार्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया तो वे सूचना के अधिकार के तहत आरटीआई भी दाखिल करेंगे।
बीटेक परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद जब बड़ी संख्या में विद्यार्थी फेल हुए तो उन्होंने सबसे पहले यूआईटी प्रबंधन के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद मामला तुरंत विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा को भेज दिया गया। इस बीच छात्रों की शिकायतों की जानकारी कुलपति प्रो. महावीर सिंह तक भी पहुंचाई गई।
गौरतलब है कि बीटेक द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाओं में कम पास प्रतिशतता को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले ही जांच के आदेश दे दिए थे। कुलपति के निर्देश पर एक कमेटी का गठन किया गया, जिसे पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। सूत्रों के अनुसार अब तक की जांच में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में किसी तरह की गड़बड़ी सामने नहीं आई है और मूल्यांकन सही पाया गया है। साथ ही प्रश्न पत्रों के कठिनाई स्तर की भी जांच की गई, जिसे विषय विशेषज्ञों ने सामान्य बताया है।
अब इस पूरे मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट कुलपति को सौंपी जाएगी। कुलपति प्रो. महावीर सिंह ने कहा है कि बीटेक परीक्षाओं की कम पास प्रतिशतता को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं और गठित कमेटी मामले का गहन अध्ययन कर रही है।
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