ऊना: जल विद्युत में अपनी पहचान बनाने के बाद, हिमाचल प्रदेश अब सौर ऊर्जा की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, और ऊना जिला इस ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में, जिले में कई सौर परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जो हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह परियोजनाएं न केवल जिले के विकास को बढ़ावा देंगी, बल्कि पर्यावरण के प्रति संवेदनशील तरीके से राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को भी पूरा करेंगी।
इस समय, ऊना जिले में करीब ₹320 करोड़ की लागत से तीन बड़ी सौर परियोजनाओं का कार्य चल रहा है, जिनकी कुल क्षमता 47 मेगावाट है। पेखूबेला सौर परियोजना सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है, जबकि अघलौर और भंजाल में अन्य परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। पेखूबेला परियोजना 32 मेगावाट की है, और इससे राज्य को प्रति वर्ष ₹19.17 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा, साथ ही यह 2,532 टन कार्बन उत्सर्जन कम करेगी।
ऊना में अन्य दो परियोजनाओं, अघलौर (10 मेगावाट) और भंजाल (5 मेगावाट), से भी राज्य के राजस्व में वृद्धि और ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि होगी। इन परियोजनाओं के माध्यम से, हिमाचल प्रदेश 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनने के अपने लक्ष्य की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है, साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रहा है।
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