नाहन, 27 मई। हिमाचल प्रदेश के शिलाई क्षेत्र में आज एक भव्य किसान मेले का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उद्योग, संसदीय कार्य एवं श्रम रोजगार मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि ऐसे किसान मेले सरकार और किसानों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने का माध्यम हैं, जिनके जरिए किसान प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और प्राकृतिक खेती की दिशा में प्रोत्साहित हो सकते हैं।
हर्षवर्धन चौहान ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की बड़ी आबादी कृषि और बागवानी पर निर्भर है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ने अनेक जनहितैषी और कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और उन्हें सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि आज इन योजनाओं का लाभ उठाकर प्रदेश के किसान अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार किसानों को उनके उत्पादों के उचित दाम दिलाने के लिए कृतसंकल्प है। इसी प्रयास के तहत हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने वाला देश का पहला राज्य बना है। इसके अंतर्गत प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं का समर्थन मूल्य 60 रुपये प्रति किलो, मक्की का 40 रुपये और हल्दी का 90 रुपये प्रति किलो निर्धारित किया गया है। साथ ही, पशुपालकों के लिए गाय के दूध का मूल्य 51 रुपये तथा भैंस के दूध का 61 रुपये प्रति लीटर तय किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों की आय में भी वृद्धि हो रही है।
इस अवसर पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इस विधि में बाजार पर निर्भरता नहीं रहती और आवश्यक उर्वरक व जैविक पदार्थ किसान स्वयं अपने घर पर तैयार कर सकते हैं। इससे न केवल खेती की लागत घटती है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण, मिट्टी की गुणवत्ता और जल प्रदूषण को भी नियंत्रित करता है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि प्राकृतिक खेती से उत्पादित फसलें सूखे और अधिक वर्षा जैसे हालातों का बेहतर सामना कर सकती हैं और इससे स्थानीय बीजों के उपयोग को भी बढ़ावा मिलता है।
कार्यक्रम के दौरान अनेक अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इनमें मार्केटिंग कमेटी के अध्यक्ष सीता राम शर्मा, कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. रविन्द्र जसरोटा, उपनिदेशक राजकुमार, आत्मा परियोजना निदेशक साहब सिंह, उप परियोजना निदेशक थान सिंह, केवीके धौलाकुआं के वैज्ञानिक पंकज मित्तल, पंचायत समिति अध्यक्ष अनीता देवी, पूर्व पंचायत समिति अध्यक्ष मस्त राम पराशर, जिला परिषद सदस्य रंजीत नेगी, ओएसडी अतर राणा और पंचायत समिति सदस्य रमेश नेगी शामिल रहे।
इस किसान मेले के माध्यम से सरकार ने किसानों को न केवल योजनाओं की जानकारी दी, बल्कि उन्हें आधुनिक और प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर करने का मार्ग भी दिखाया।
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