Shimla: हिमाचल में नशे पर बड़ी कार्रवाई: 2 दिन में 80 मेडिकल स्टोरों पर छापे, ट्रामाडोल-प्रीगैबलिन और लाखों कैश बरामद

हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस और औषधि नियंत्रण विभाग ने 19 और 20 दिसंबर को दो दिवसीय राज्य स्तरीय विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया। इस अभियान का मकसद प्रतिबंधित और नियंत्रित दवाओं की अवैध बिक्री, दुरुपयोग और डायवर्जन पर प्रभावी अंकुश लगाना था। गुप्त सूचनाओं के आधार पर प्रदेशभर में 80 संदिग्ध कैमिस्ट और मेडिकल स्टोरों को चिन्हित कर उन पर आकस्मिक और सघन निरीक्षण किया गया।

अभियान के तहत सोलन जिले में 6, सिरमौर में 5, बद्दी क्षेत्र में 8, मंडी में 5, कुल्लू में 2, हमीरपुर में 3, बिलासपुर में 8, कांगड़ा में सबसे अधिक 19, नूरपुर में 7, चंबा में 6 और ऊना में 11 दुकानों की गहन जांच की गई। निरीक्षण के दौरान एनडीपीएस अधिनियम, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट और अन्य संबंधित कानूनों के तहत लाइसेंस, खरीद-बिक्री रिकॉर्ड, स्टॉक रजिस्टर, मेडिकल पर्चे, बिलिंग और डिजिटल लेन-देन की विस्तार से जांच की गई।

जांच के दौरान कुल 8 दुकानों में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। ऊना जिले में एक मेडिकल स्टोर के मालिक के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। इस दुकान से 2330 ट्रामाडोल गोलियां, 800 प्रीगैबलिन कैप्सूल और करीब 24 लाख रुपये नकद बरामद किए गए।

इसके अलावा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम के तहत बिलासपुर में 2 दुकानों जबकि बद्दी, ऊना, नूरपुर, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में एक-एक दुकान के खिलाफ कार्रवाई की गई। इन दुकानों से कुल 2117 प्रीगैबलिन कैप्सूल और 14 स्ट्रिप एबॉर्शन किट जब्त की गईं। बाकी दुकानों को नियमों के पालन के लिए परामर्श, दिशा-निर्देश और सख्त चेतावनी जारी की गई है, ताकि भविष्य में अवैध बिक्री या दवाओं के दुरुपयोग को रोका जा सके।

डीजीपी अशोक तिवारी ने कहा कि प्रदेश में नशे के खिलाफ अभियान आने वाले दिनों में और तेज किया जाएगा। उन्होंने नागरिकों, खासकर युवाओं से अपील की कि चिट्टे और नशे से जुड़े मामलों की सूचना 112 या नजदीकी पुलिस थाने में दें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सूचना देने वालों की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।

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