सदर थाना हमीरपुर की पुलिस को चिट्टा तस्करी के बड़े नेटवर्क से जुड़े अहम सुराग हाथ लगे हैं। बुधवार देर रात बस अड्डे के पास चिट्टा बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किए गए दो युवकों ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
जानकारी के मुताबिक, इंस्पेक्टर कुलवंत सिंह की अगुवाई में पकड़े गए युवकों ने कबूल किया कि चिट्टे की यह खेप उन्होंने पंजाब के होशियारपुर से मंगवाई थी। दिलचस्प बात यह है कि आरोपियों ने सप्लायर को पैसे अग्रिम नहीं दिए थे, बल्कि उधार में माल लिया था। दोनों के बीच यह तय हुआ था कि चिट्टा बिकने के बाद ही रकम चुकाई जाएगी।

पुलिस को यह भी पता चला है कि आरोपी युवक खुद बस से होशियारपुर गए थे और उनके बस टिकट भी पुलिस ने जब्त कर लिए हैं। मुख्य आरोपी रजत मेहरा, निवासी वार्ड नंबर 2 हमीरपुर, पहले से ही सप्लायर के संपर्क में था।
छात्र की गिरफ्तारी ने बढ़ाए सवाल
इस मामले का सबसे हैरान करने वाला पहलू है कि गिरफ्तार दूसरा आरोपी — आयुष ठाकुर, पुत्र संजय कुमार, निवासी गांव छियोई (घुमारवीं, जिला बिलासपुर) — एक निजी संस्थान में डी.फार्मा का छात्र है। उसकी गिरफ्तारी ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या यह चिट्टा निजी संस्थान के अन्य छात्रों को बेचने के लिए लाया गया था? क्योंकि आयुष कई छात्रों के संपर्क में रहता है। निजी संस्थानों में पढ़ने वाले अधिकतर छात्र बाहरी जिलों से होते हैं और पीजी में रहते हैं, जहां उन पर ज्यादा निगरानी भी नहीं होती।
हालांकि यह सब पुलिस जांच में ही साफ होगा, लेकिन एक छात्र का इतने बड़े नशा मामले में पकड़ा जाना चिंता का विषय बन गया है।
पुलिस ने कहा—अभी ज्यादा खुलासा नहीं किया जा सकता
एडिशनल एसपी राजेश उपाध्याय ने बताया कि मामले में कई पहलुओं पर पूछताछ जारी है। उन्होंने कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है, इसलिए अधिक जानकारी साझा नहीं की जा सकती।
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