Bilaspur: घुमारवीं में दो दिवसीय सीर उत्सव 2025 का भव्य आयोजन : पवित्र स्थल रूकमणि कुंड से होगा आरंभ

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में हर साल सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को जीवंत बनाए रखने के लिए आयोजित होने वाला सीर उत्सव अपनी भव्यता और स्थानीय रीति-रिवाजों के कारण लोगों के बीच विशेष महत्व रखता है। वर्ष 2025 में यह उत्सव 2 और 3 अक्तूबर को मनाया जाएगा, जिसमें प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से लोग शिरकत करेंगे। इस बार उत्सव का शुभारंभ नगर नियोजन, आवास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी द्वारा पारंपरिक श्रद्धा और परंपरा के साथ किया जाएगा।

उत्सव की शुरुआत प्राचीन और पवित्र स्थल रूकमणि कुंड से होगी, जहां मंत्री राजेश धर्माणी प्रातः 6 बजे पूजा-अर्चना करेंगे। इसी समय पुराने पुल से मैराथन दौड़ आयोजित होगी, जिसमें स्थानीय और आसपास के क्षेत्र के प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। प्रातः 7 बजे पुराने बस स्टैंड स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कार्यक्रम किया जाएगा। इस दौरान भजन संध्या और योग सत्र का भी आयोजन किया जाएगा, जो स्वास्थ्य, मानसिक संतुलन और सामुदायिक समर्पण के महत्व को दर्शाता है।

एस.डी.एम. घुमारवीं गौरव चौधरी ने बताया कि रूकमणि कुंड और नगर के अन्य प्रमुख स्थलों पर सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि तैयारियों में कोई कमी न रहे और उत्सव को पूर्णतया व्यवस्थित एवं सुरक्षित बनाया जाए।



सीर उत्सव के पहले दिन प्रातः 9 बजे नरसिंह मंदिर में कन्या पूजन का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद भव्य शोभायात्रा और सीर मिलन कार्यक्रम का आयोजन होगा। शोभायात्रा पुराने बस स्टैंड से शुरू होकर गांधी चौक होते हुए सीर खड्ड पुल तक जाएगी, जहां गौ माता की पूजा-अर्चना के साथ यात्रा का समापन किया जाएगा। इस शोभायात्रा में स्थानीय लोग, ग्रामीण महिलाएं और बच्चे भी शामिल होंगे, जिससे उत्सव का सामुदायिक अनुभव और भी गहरा हो जाएगा।

उत्सव के दौरान सामाजिक कार्यों और स्वास्थ्य सेवाओं का भी विशेष महत्व रहेगा। नागरिक अस्पताल घुमारवीं में रक्तदान शिविर आयोजित किया जाएगा, जिससे लोगों में मानवता और समाज सेवा की भावना को बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों द्वारा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिससे आमजन इन योजनाओं से परिचित होंगे और उनका लाभ ले सकेंगे।

सीर उत्सव के पहले दिन भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रसिद्ध लोक गायक करनैल राणा, जीतू सांख्यान और सुरेश वर्मा मुख्य कलाकारों के रूप में अपनी प्रस्तुति देंगे। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण को समृद्ध करेगा, बल्कि स्थानीय कला और संगीत को भी व्यापक मंच प्रदान करेगा। इस प्रकार उत्सव का पहला दिन श्रद्धा, भक्ति और मनोरंजन के संतुलन के साथ पूर्ण होगा।

उत्सव का दूसरा दिन 3 अक्तूबर 2025 को सामाजिक जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्रित रहेगा। इस दिन अवढानीघाट से पुराना बस स्टैंड घुमारवीं तक नशा मुक्ति पदयात्रा आयोजित की जाएगी। इस पदयात्रा का उद्देश्य युवाओं और आम नागरिकों को नशे के हानिकारक प्रभावों से अवगत कराना और समाज में जागरूकता फैलाना है। इससे लोगों में सामाजिक जिम्मेदारी की भावना और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने का संदेश मिलेगा।

उसी दिन सिविल अस्पताल घुमारवीं में बहु-विशेषज्ञ स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस शिविर में विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञ लोगों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगे। यह पहल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने, रोगों की प्रारंभिक पहचान और समय पर उपचार उपलब्ध कराने के लिए की गई है। इससे विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्र के लोग लाभान्वित होंगे।

सीर उत्सव के दौरान स्कूली बच्चों और महिला मंडलों की सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं का भी आयोजन किया जाएगा। बच्चों और युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा, वहीं महिला मंडलों के लिए यह सशक्तिकरण और सामुदायिक सहभागिता का अवसर होगा। इस प्रकार उत्सव केवल धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसमें सामाजिक, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े संदेश भी शामिल होंगे।

उत्सव की दूसरी सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकारों के साथ प्रदेश के लोक कलाकार ठाकुर रघुवीर सिंह, संजीव दीक्षित और गोपाल शर्मा अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इस कार्यक्रम से हिमाचल की समृद्ध लोक संस्कृति, संगीत और परंपराओं को बढ़ावा मिलेगा। दर्शक न केवल मनोरंजन का अनुभव करेंगे बल्कि सांस्कृतिक विरासत के महत्व को भी समझेंगे।

एस.डी.एम. गौरव चौधरी ने लोगों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में इस उत्सव में शामिल हों और इसे सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि सीर उत्सव केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता, स्वास्थ्य, खेल और महिला सशक्तिकरण का भी संदेश देता है। सभी विभागीय अधिकारियों और नागरिकों का सहयोग उत्सव की सफलता के लिए आवश्यक है।

इस प्रकार घुमारवीं का दो दिवसीय सीर उत्सव 2025 न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह सामाजिक जिम्मेदारी, स्वास्थ्य जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। रूकमणि कुंड से आरंभ होकर पूरे नगर में आयोजित यह उत्सव हिमाचल की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखेगा और आने वाले वर्षों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।

सीर उत्सव में आयोजन की पूरी योजना, सुरक्षा, स्वास्थ्य, खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समन्वय इसे न केवल स्थानीय लोगों बल्कि प्रदेश और देशभर के पर्यटकों के लिए भी आकर्षक बनाएगा। इससे घुमारवीं का नाम हिमाचल के सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन में और मजबूत होगा। इस उत्सव के माध्यम से लोगों में आस्था, समर्पण और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत किया जा रहा है।

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