बंगाणा (ऊना): वन माफिया एक बार फिर सक्रिय हो गया है और हिमाचल प्रदेश के जंगलों में खैर के पेड़ों की अवैध कटाई कर रहा है। हाल ही में, रामगढ़ वन परिक्षेत्र के यूपीएफ जंगल कैंट क्षेत्र में खैर के 28 मौछे बरामद किए गए हैं। इनमें से 11 मौछे एक पिकअप ट्राला में लदे हुए मिले, जबकि 17 मौछे जमीन पर पड़े थे। वन विभाग ने इन खैर के मौछों की कीमत करीब 2 लाख 7 हजार 43 रुपये आंकी है, जबकि काटे गए 5 खैर के पेड़ों की कीमत 2 लाख 65 हजार 660 रुपये बताई जा रही है।
घटना का पता तब चला जब गांव के निवासी हेम राज ने वन रक्षक तरसेम कुमार को सूचना दी कि कुछ अज्ञात लोग रात के अंधेरे में यूपीएफ जंगल से खैर के पेड़ काट रहे हैं। सूचना मिलते ही तरसेम कुमार मौके पर पहुंचे, जहां हेम राज और वन माफियाओं के बीच झड़प हो गई। स्थानीय लोगों की मदद से एक वन माफिया को पकड़ लिया गया, जबकि बाकी लोग भागने में कामयाब हो गए।
घटना के दौरान हेम राज और उनका भतीजा तरुण घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में भर्ती करवाया गया। वन विभाग की टीम ने मौके पर जाकर यूपीएफ जंगल और उसके साथ लगती मिलकीयत भूमि की जांच की। जांच के दौरान 5 खैर के ताजे कटे पेड़ मिले। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि ये पेड़ सरकारी भूमि से काटे गए हैं या निजी भूमि से। इसका खुलासा राजस्व विभाग की जांच के बाद ही होगा।
वन रक्षक तरसेम कुमार ने इस घटना की रिपोर्ट पुलिस चौकी जोल में दर्ज करवाई है। पुलिस ने वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और पिकअप ट्राला को भी जब्त कर लिया गया है। एसएचओ रोहित चौधरी ने बताया कि पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
यह घटना हिमाचल प्रदेश में बढ़ते वन अपराधों और वन माफियाओं के हौसलों को उजागर करती है।
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