वन विभाग ने झुलाड़ा-कुठेड़ क्षेत्र में अवैध तरीके से ले जाई जा रही कसमल की जड़ों की बड़ी खेप को बरामद किया है। यह खेप बिना किसी लाइसेंस के ले जाई जा रही थी, जिसे विभाग ने समय रहते पकड़ लिया। वन विभाग को इस बारे में स्थानीय निवासियों से सूचना मिली थी, जिसके बाद आरओ मसरूंड, जगजीत चावला के नेतृत्व में एक टीम ने अभियान चलाकर यह खेप जब्त की। इस कार्रवाई के दौरान करीब साढ़े 57 हजार रुपए का जुर्माना भी आरोपित किया गया है। इसके साथ ही, कसमल की जड़ों को उखाड़ने के लिए उपयोग में लाए गए औजारों को भी जब्त किया गया है।
विभाग की कार्रवाई से हड़कंप
वन विभाग की इस कार्यवाही से अवैध रूप से कसमल की जड़ों का व्यापार करने वाले लोगों में हड़कंप मच गया है। आमतौर पर देखा जाता है कि लोग सरकारी भूमि से इन जड़ों को बिना अनुमति के निकालते हैं, जबकि निजी भूमि से इसे निकालने की अनुमति होती है। विभाग ने इस पर सख्त चेतावनी दी है कि कसमल की जड़ों को केवल निजी भूमि से ही निकाला जा सकता है, और इसके लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। यदि कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस के इन जड़ों को निकालता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग ने क्या कहा?
वन विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा कि कसमल की जड़ों का बिना लाइसेंस के निकालना न केवल वन्यजीव संरक्षण कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी खतरे की बात है। अवैध कटाई और निकासी से प्राकृतिक संसाधनों का क्षरण हो सकता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। विभाग ने यह भी बताया कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वे और सख्त निगरानी रखेंगे और क्षेत्रीय लोगों को जागरूक भी करेंगे।
क्या है कसमल की जड़ों का महत्व?
कसमल, जिसे संस्कृत में ‘कश्मल’ कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के उपचारों में किया जाता है। इसके अलावा, कसमल की जड़ों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में भी होता है। हालांकि, यह पौधा वन्यजीव संरक्षण के लिए भी महत्व रखता है, क्योंकि इसका अत्यधिक उपयोग पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन पैदा कर सकता है।
वन्यजीव संरक्षण की दिशा में अहम कदम
इस तरह की कार्रवाई वन्यजीव संरक्षण के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। वन विभाग की इस सक्रियता से यह संदेश जाता है कि यदि किसी भी व्यक्ति ने कानून के खिलाफ कार्य किया, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, वन विभाग की टीम ने कसमल की जड़ों के अवैध व्यापार को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है।
विभाग की सलाह
दूरदर्शन और अन्य मीडिया माध्यमों के माध्यम से विभाग ने यह संदेश भी दिया है कि कसमल की जड़ों को केवल प्रमाणित और लाइसेंस प्राप्त व्यक्तियों से ही खरीदा जाए, और इस व्यापार को स्वीकृत कानूनी मार्ग से ही अंजाम दिया जाए। वन विभाग ने स्थानीय निवासियों से भी अपील की है कि वे इस तरह की गतिविधियों के बारे में तुरंत सूचना दें, ताकि ऐसे अवैध कारोबारों को समय रहते रोका जा सके।
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