फाजिल्का जिले में अब शादी-ब्याह, धार्मिक समारोहों और अन्य खुशी के अवसरों में ड्रोन कैमरों और आतिशबाजी का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह सख्त आदेश जिला मजिस्ट्रेट अमरप्रीत कौर संधू (IAS) ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संगठनों अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए जारी किया है।
आदेश में कहा गया है कि जिले में मौजूदा सुरक्षा हालातों को देखते हुए यह कदम उठाना जरूरी हो गया था। नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1968 के अंतर्गत जो अभ्यास किए जा रहे हैं, उनमें पाया गया है कि शादी समारोहों, धार्मिक आयोजनों और उत्सवों के दौरान ड्रोन कैमरों की उड़ान और बम, हवाई पटाखे, चाइनीज क्रैकर्स आदि का अत्यधिक उपयोग हो रहा है, जिससे शांति व्यवस्था को खतरा उत्पन्न होता है।
डीसी संधू के अनुसार, इस तरह की आतिशबाजी से तेज आवाजें और विस्फोट पैदा होते हैं, जिससे आम जनता में डर का माहौल बनता है। खासकर सीमावर्ती जिले फाजिल्का में ऐसे शोर-शराबे से भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होती है।
आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह प्रतिबंध फाजिल्का जिले की सीमा के भीतर प्रभावी रहेगा और अगले आदेश तक लागू रहेगा। साथ ही, नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। पुलिस और जिला प्रशासन को इन निर्देशों के सख्त पालन को सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।
इस फैसले से जहां प्रशासन को कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी, वहीं आम नागरिकों को भी उत्सव के दौरान अधिक जिम्मेदार बनना होगा। ऐसे आदेशों से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि सरकार अब सार्वजनिक सुरक्षा के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी।
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