जालंधर के अंकित खन्ना और उनके छह साल के बेटे राघव खन्ना ने श्रद्धा और विश्वास का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करते हुए एक दंडवत यात्रा की। वे हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी मंदिर तक साथ में पहुंचे।
यात्रा की शुरुआत
अंकित ने मां चिंतपूर्णी के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा के साथ इस यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि यह यात्रा माता रानी के आशीर्वाद से शुरू हुई, खासकर नवरात्र के पावन अवसर पर, क्योंकि वह चाहते थे कि माता रानी अपने सभी भक्तों को आशीर्वाद दें।
पिता-पुत्र की भक्ति
राघव ने इस यात्रा में अपने पिता का साथ दिया, और उनकी यह एकजुटता अन्य श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा बन गई। उनकी दंडवत यात्रा ने न केवल उनकी भक्ति को दर्शाया, बल्कि यह भी साबित किया कि बच्चों में भी छोटी उम्र से ही धार्मिकता और आस्था की भावना विकसित की जा सकती है।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाएँ
इस यात्रा के दौरान, अन्य श्रद्धालु अंकित और राघव को देखकर हैरान रह गए। कई लोगों ने उनकी भक्ति की सराहना की और उनके लिए दुआएं कीं। इस यात्रा ने यह संदेश दिया कि सच्ची भक्ति और श्रद्धा के साथ किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
यह पिता-पुत्र की दंडवत यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह एक उदाहरण है कि भक्ति और समर्पण से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। चिंतपूर्णी मंदिर पहुंचकर अंकित और राघव ने अपनी आस्था को व्यक्त किया और यह साबित किया कि परिवार के साथ मिलकर किए गए प्रयास हमेशा फलदायी होते हैं।