Kangra: धर्मशाला कॉलेज के पर्यटन संकाय को मिलेगा बेहतर प्रशिक्षण: टूरिस्ट साइट चिन्हित करने की योजना

धर्मशाला, 27 सितंबर 2025: हिमाचल प्रदेश की सुंदर पहाड़ियों और प्राकृतिक सौंदर्य ने धर्मशाला को हमेशा से ही पर्यटन के लिए आकर्षक स्थल बनाया है। इसी दिशा में धर्मशाला के पीजी कॉलेज के पर्यटन विभाग के छात्रों को प्रशिक्षण और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए राज्य सरकार और पर्यटन विभाग ने विशेष पहल की है।

इस संबंध में पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने छात्रों को प्रशिक्षण और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए टूरिस्ट साइट चिन्हित करने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान नहीं बल्कि व्यावहारिक प्रशिक्षण देना है, ताकि वे भविष्य में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में दक्षता के साथ कार्य कर सकें।

पर्यटन विभाग और कालेज का सहयोग

आरएस बाली ने कहा कि सरकार और पर्यटन विभाग पूरी तरह से कॉलेज प्रबंधन का सहयोग करेंगे। छात्रों के प्रशिक्षण को और प्रभावी बनाने के लिए महाविद्यालय के आर्ट्स ब्लॉक तक संपर्क मार्ग बनाने के लिए 50 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी। यह कदम छात्रों को परिसर और पर्यटन स्थल के बीच आवाजाही में सुविधा देगा।

उन्होंने बताया कि यह पहल विद्यार्थियों के व्यावहारिक अनुभव को बढ़ाने और उन्हें पर्यटन उद्योग के वास्तविक कार्यस्थल से परिचित कराने की दिशा में महत्वपूर्ण है। छात्र अब टूरिस्ट साइट की पहचान, मार्किंग और देखरेख की प्रक्रिया को सीधे अनुभव करेंगे।



मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्ट-अप योजना और स्वरोजगार

आरएस बाली ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में स्वरोजगार बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्ट-अप योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के अंतर्गत:

नई पर्यटन इकाइयां स्थापित करने

मौजूदा होम-स्टे इकाइयों का विस्तार और स्तरोन्नति

ऋण पर वित्तीय राहत


जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि होम-स्टे पर्यटकों के लिए महंगे होटलों का किफायती विकल्प है। इस योजना के जरिए पर्यटक लंबे समय तक ग्रामीण क्षेत्रों में ठहरेंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और ग्रामीण समुदाय को फायदा होगा। यह योजना सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी।

हिमाचल प्रदेश: पर्यटन का स्वर्ग

आरएस बाली ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपने स्वच्छ वातावरण, नदियों, जंगलों, पवित्र स्थलों और सुरम्य घाटियों के कारण हमेशा पर्यटकों के लिए आकर्षक रहा है। पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र राज्य की जीडीपी में 7.78 प्रतिशत योगदान करता है (Economic Survey 2024-25)।

उन्होंने बताया कि छात्रों को प्रशिक्षण के दौरान पर्यटन स्थलों की मार्किंग, मार्गदर्शन और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाया जाएगा। इससे न केवल छात्रों की व्यावसायिक दक्षता बढ़ेगी बल्कि पर्यटकों को भी बेहतर अनुभव मिलेगा।

टूरिज्मो त्रिगर्त कार्निवल का समापन

शनिवार को धर्मशाला कॉलेज के ऑडिटोरियम में आयोजित टूरिज्मो त्रिगर्त कार्निवल के समापन समारोह में विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर मुख्यातिथि आरएस बाली ने छात्र प्रतिभागियों और मेधावी छात्रों को सम्मानित किया।

कॉलेज के प्रिंसिपल राकेश पठानिया ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और कार्निवल के उद्देश्यों और गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों की रचनात्मकता, टीमवर्क और नेतृत्व कौशल को निखारते हैं।

छात्रों और फैकल्टी की भागीदारी

कार्यक्रम में कॉलेज के प्रोफेसर नरेश कुमार सहित अनेक शिक्षक और स्टाफ उपस्थित रहे। छात्रों ने रंगोली, पोस्टर मेकिंग, निबंध लेखन और स्टोन पेंटिंग जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लिया। इस दौरान आचार्य शर्मिला की पेंटिंग्स को टूरिज्म होटलों में प्रदर्शित करने के निर्देश भी दिए गए, ताकि छात्रों की रचनात्मक प्रतिभा को व्यापक मंच मिल सके।

पूर्व महापौर देविंद्र जग्गी, पार्षद अनुराग, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरभजन चैधरी, डीएम एचआरटीसी पंकज चढ़्ढा सहित विभिन्न गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित रहे।

व्यावहारिक प्रशिक्षण के लाभ

धर्मशाला पीजी कॉलेज के पर्यटन विभाग के छात्रों के लिए इस पहल के कई लाभ हैं:

1. सीधी अनुभव की प्राप्ति: छात्र पर्यटन स्थल चिन्हित करने और मार्गदर्शन की प्रक्रिया को सीखेंगे।


2. सुरक्षा और पर्यावरण प्रबंधन: प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा मानकों की जानकारी मिलेगी।


3. स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहन: छात्रों को होम-स्टे और स्थानीय पर्यटन व्यवसाय के अवसर समझ में आएंगे।


4. सामाजिक जिम्मेदारी का अनुभव: यह पहल छात्रों को समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाती है।


आरएस बाली ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से न केवल छात्रों की स्किल्स बढ़ेंगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन उद्योग को भी लाभ मिलेगा।



पर्यटन और छात्रों का भविष्य

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। छात्रों को इसका व्यावहारिक प्रशिक्षण देना राज्य सरकार और पर्यटन विभाग की प्राथमिकता है। इस पहल से यह सुनिश्चित होगा कि:

छात्र पर्यटक गाइडिंग, होम-स्टे संचालन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दक्ष बनें।

ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण में योगदान दें।

स्थानीय कला, संस्कृति और पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें।


आरएस बाली ने कार्यक्रम के अंत में कहा कि कॉलेज और राज्य सरकार मिलकर पर्यटन को एक स्वरोजगार और सतत विकास का साधन बनाएंगे।

निष्कर्ष

धर्मशाला पीजी कॉलेज के पर्यटन विभाग में छात्रों के लिए यह पहल शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। टूरिस्ट साइट चिन्हित करने, व्यावहारिक प्रशिक्षण और स्टार्ट-अप योजनाओं के माध्यम से छात्रों को न केवल कौशल मिलेगा बल्कि उन्हें पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में रोजगार और नेतृत्व की दिशा भी मिलेगी।

यह कदम हिमाचल प्रदेश के पर्यटन और शिक्षा क्षेत्र में एक नई राह खोलता है, जहां छात्र व्यावहारिक अनुभव, रचनात्मकता और सामाजिक जिम्मेदारी सीखेंगे।

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