Himachal: SC-ST, दिव्यांग और अल्पसंख्यकों को योजनाओं का पूरा लाभ देने के निर्देश, DC अमरजीत सिंह सख्त

उपायुक्त अमरजीत सिंह ने जिले के सभी विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग, दिव्यांगजन और सफाई कर्मचारियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ मिलना चाहिए। साथ ही इन वर्गों के अधिकारों की रक्षा से जुड़े सभी अधिनियमों के प्रावधानों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। सोमवार को उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से जुड़ी योजनाओं, अभियानों और कानूनों की समीक्षा के लिए गठित छह अलग-अलग जिला स्तरीय समितियों की बैठकों की अध्यक्षता करते हुए ये निर्देश दिए।

राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के तहत गठित स्थानीय समिति की बैठक में उपायुक्त ने बताया कि मानसिक दिव्यांगता, ऑटिज्म, सेरीब्रल पाल्सी और बहु-विकलांगता से ग्रस्त बच्चों के माता-पिता स्वाभाविक रूप से उनके संरक्षक होते हैं, लेकिन 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद ऐसे दिव्यांगजनों के लिए कानूनी संरक्षक की नियुक्ति जरूरी हो जाती है। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 206 दिव्यांगजनों के अभिभावकों को कानूनी अभिभावक प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। इस दौरान समिति ने पांच नए आवेदनों को भी मंजूरी दे दी।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान में जिले में इस अधिनियम के तहत दर्ज 26 मामले विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं। इसके अलावा 34 मामलों की कैंसलेशन रिपोर्ट भी अदालतों में लंबित है, जबकि 14 मामलों में पुलिस जांच जारी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों की जांच और अभियोजन में किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए।

नशा मुक्त भारत अभियान 2.0 की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने बताया कि जिले में अभियान से जुड़ी गतिविधियों की रिपोर्टिंग के लिए एक समग्र फॉर्मेट तैयार किया गया है। सभी संबंधित विभागों को इसी फॉर्मेट पर नियमित रूप से रिपोर्ट भेजने और सुझाव देने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी और सेवन की शिकायत के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा टॉल फ्री नंबर 112 और ड्रग फ्री हिमाचल ऐप शुरू किया गया है, जहां शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है। इन दोनों माध्यमों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है। इसके साथ ही जिले के सभी स्वास्थ्य खंडों में नशे के उपचार के लिए नई दिशा केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य परामर्श के लिए टॉल फ्री नंबर 14416 की जानकारी भी आम लोगों तक पहुंचनी चाहिए।

जिला दिव्यांगता समिति की बैठक में उपायुक्त ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान जिले के 5011 दिव्यांगजनों को पेंशन के रूप में 4.44 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसके अलावा 73 दिव्यांग विद्यार्थियों को 6.39 लाख रुपये की छात्रवृत्ति और सात दिव्यांगों की शादी पर दो लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी और सार्वजनिक भवनों, परिवहन सेवाओं, अस्पतालों, कार्यालयों और शौचालयों में दिव्यांगों के लिए जरूरी सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध होनी चाहिए।

अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने संबंधित विभागों को पात्र अल्पसंख्यक लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें योजनाओं से जोड़ने के निर्देश दिए। वहीं, हाथ से मैला उठाने वाले सफाई कर्मचारियों के नियोजन प्रतिषेध एवं पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत गठित जिला सतर्कता समिति की बैठक में उन्होंने कहा कि सेप्टिक टैंकों, शौचालयों और नालियों की सफाई में लगे कर्मचारियों को सभी जरूरी सुरक्षा उपकरण और किट उपलब्ध कराई जाएं तथा उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच सुनिश्चित की जाए।

इन सभी बैठकों में जिला कल्याण अधिकारी चमन लाल शर्मा ने विभिन्न योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। बैठक में पुलिस अधीक्षक बलवीर सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष बबली देवी, जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री, विभिन्न विभागों के अधिकारी और समितियों के गैर सरकारी सदस्य भी मौजूद रहे।

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