कैल्पा, 21 सितंबर 2025। आज मिनी स्टेडियम, कैल्पा में जिला पुलिस साइबर सेल द्वारा एनसीसी (ATC-194) के वार्षिक प्रशिक्षण शिविर के दौरान एक विशेष साइबर अपराध जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में एनसीसी कैडेट्स, आर्मी अधिकारी और स्थानीय प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं और अधिकारियों को साइबर अपराधों के नवीनतम तरीकों और उनसे बचाव के उपायों से अवगत कराना था।
सत्र की शुरुआत में प्रतिभागियों को साइबर अपराधों की बढ़ती प्रवृत्तियों के बारे में बताया गया। उन्हें समझाया गया कि कैसे डिजिटल दुनिया में सामान्य गलती या जागरूकता की कमी से कोई भी व्यक्ति साइबर धोखाधड़ी का शिकार बन सकता है। इसके तहत विशेष रूप से निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की गई:
• साइबरबुलिंग (Cyberbullying): सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर दूसरों को मानसिक या भावनात्मक रूप से परेशान करना।
• फिशिंग (Phishing): फर्जी ईमेल, मैसेज या वेबसाइट के माध्यम से संवेदनशील जानकारी चुराना।
• डिजिटल गिरफ्तारी (Digital Arrest): ऑनलाइन अपराधों में फंसाने और धोखाधड़ी के कानूनी पहलुओं को समझना।
• सिम स्वैप और ई-सिम फ्रॉड (SIM Swap & e-SIM Fraud): मोबाइल नंबर चोरी कर बैंकिंग या अन्य ऑनलाइन खातों से पैसे निकालने की धोखाधड़ी।
• ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी (Online Banking Fraud): इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से धन की अवैध निकासी।
• लोन ऐप धोखाधड़ी (Loan App Fraud): नकली लोन ऐप्स के माध्यम से धन या व्यक्तिगत जानकारी की चोरी।
• गेमिंग ऐप फ्रॉड (Gaming App Fraud): गेमिंग ऐप्स में धोखाधड़ी के विभिन्न तरीके।
• सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Facebook, Instagram, Telegram, WhatsApp, Snapchat) के माध्यम से होने वाले अपराध।

सत्र के दौरान प्रतिभागियों को साइबर धोखाधड़ी से बचाव के व्यावहारिक टिप्स भी दिए गए। उन्हें यह बताया गया कि इंटरनेट का सही और सुरक्षित इस्तेमाल कैसे किया जाए, और किसी भी संदिग्ध लिंक या एप्लिकेशन से कैसे बचा जाए।
साइबर सुरक्षा के लिए उपयोगी पोर्टल्स
जिला पुलिस साइबर सेल ने प्रतिभागियों को निम्न पोर्टल्स के बारे में भी जानकारी दी, जहां साइबर अपराध की रिपोर्ट दर्ज की जा सकती है या मदद ली जा सकती है:
CEIR पोर्टल – http://ceir.sancharsaathi.gov.in – मोबाइल चोरी या हानि की रिपोर्ट करने के लिए।
Telecom User पोर्टल – https://tafcop.sancharsaathi.gov.in/telecomUser – सिम या टेलीकॉम समस्याओं के समाधान के लिए।
Cyber Crime पोर्टल – हेल्पलाइन 1930 – https://cybercrime.gov.in – साइबर अपराध की शिकायत दर्ज करने हेतु हेल्पलाइन 1930।
RBI शिकायत पोर्टल – https://rbi.org.in/Scripts/Complaints.aspx – बैंकिंग और डिजिटल लेन-देन संबंधित शिकायत।
GAC पोर्टल – https://gac.gov.in – सरकारी डिजिटल सेवाओं के लिए शिकायत समाधान।
एनसीसी कैडेट्स और आर्मी अधिकारियों के लिए लाभ
सत्र में एनसीसी कैडेट्स और आर्मी अधिकारियों को बताया गया कि साइबर सुरक्षा केवल व्यक्तिगत सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। डिजिटल फोटोग्राफी, सोशल मीडिया और ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से होने वाले अपराध न केवल व्यक्तिगत नुकसान कर सकते हैं, बल्कि सुरक्षा नेटवर्क को भी प्रभावित कर सकते हैं।

प्रतिभागियों को साइबर फ्रॉड के उदाहरण दिखाए गए, जैसे फर्जी लोन ऐप्स और सोशल मीडिया फेक प्रोफाइल्स। उन्होंने सिखा कि कैसे फर्जी ईमेल या लिंक से बचकर खुद को सुरक्षित रखा जाए। इसके अलावा, यह भी बताया गया कि SIM swap, e-SIM fraud, online banking fraud और gaming fraud में आम तौर पर कौन-कौन से संकेत होते हैं और उन्हें कैसे पहचाना जा सकता है।
जागरूकता का महत्व
सत्र में जोर दिया गया कि साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे के बीच जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। प्रतिभागियों को बताया गया कि किसी भी संदिग्ध लिंक, कॉल या मैसेज पर तत्काल प्रतिक्रिया न देना और सही पोर्टल के माध्यम से ही शिकायत करना चाहिए।
साइबर सेल ने यह भी बताया कि किसी भी अनधिकृत एप्लिकेशन या वेबसाइट से व्यक्तिगत डेटा साझा करना खतरे से खाली नहीं है। प्रतिभागियों को नियमित रूप से पासवर्ड बदलने, दो-चरणीय प्रमाणीकरण और विश्वसनीय स्रोतों से ही एप डाउनलोड करने की सलाह दी गई।


प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया
सत्र में उपस्थित एनसीसी कैडेट्स और आर्मी अधिकारियों ने इस सत्र को अत्यंत जानकारीपूर्ण और उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि अब उन्हें पता चला कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षा के लिए क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए और किस प्रकार से साइबर अपराधियों से खुद को बचाया जा सकता है।
निष्कर्ष
इस जागरूकता सत्र का मुख्य उद्देश्य था कि युवा और सुरक्षा अधिकारी साइबर दुनिया के खतरों को पहचानें और उन्हें रोकने के उपाय सीखें। जिला पुलिस साइबर सेल ने इस सत्र के माध्यम से यह संदेश दिया कि साइबर सुरक्षा केवल तकनीकी उपायों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे डिजिटल दुनिया में सजग और सतर्क रहें।
सत्र के अंत में प्रतिभागियों को पोर्टल्स और हेल्पलाइन नंबरों की सूची उपलब्ध कराई गई, ताकि किसी भी साइबर अपराध की स्थिति में तुरंत उचित कदम उठाया जा सके।
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