ज्वाली, 28 नवंबर: कृषि और पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि देश का भविष्य स्कूल रूपी नर्सरी में तैयार होता है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ताहलियाँ के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में मुख्यातिथि के रूप में संबोधित करते हुए उन्होंने स्कूलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना सरकार का प्रमुख दायित्व है। साथ ही, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कई ठोस कदम उठा रही है, ताकि शिक्षा का स्तर बेहतर हो सके।
शिक्षा सुधार के लिए सरकारी पहलकदमी
प्रो. कुमार ने राज्य सरकार की शिक्षा सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की जा रही हैं। छोटे स्कूलों को आपस में मर्ज करने का कदम उठाया जा रहा है, ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके।
इसके अतिरिक्त, सरकारी स्कूलों में शिक्षक पदों को चरणबद्ध तरीके से भरा जा रहा है, और शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को विदेशों में एक्सपोज़र विजिट के लिए भेजा जा रहा है, ताकि उनका अनुभव और दृष्टिकोण विस्तृत हो सके।
प्रो. कुमार ने बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाए जा रहे हैं, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा का लाभ मिल सके। ज्वाली में भी डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण के लिए ₹1.5 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा, शिक्षकों को डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए टैबलेट दिए जा रहे हैं।
शिक्षण संस्थानों का आधारभूत ढांचा सुधारने की दिशा में कदम
कृषि मंत्री ने ज्वाली क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों के आधारभूत ढांचे को सुधारने के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकारों के समय में इस क्षेत्र के स्कूलों में काफी सुधार हुआ था, और अब उन स्कूलों की जरूरतों के अनुसार धनराशि का प्रावधान किया जा रहा है।
“स्कूल सिर्फ इमारतों से नहीं, बल्कि वहां के शिक्षकों से पहचाने जाते हैं। यदि शिक्षक अच्छे होंगे, तो स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ेगी,” उन्होंने कहा और शिक्षकों से अपील की कि वे समय के साथ अपनी शिक्षण पद्धतियों में रचनात्मक बदलाव लाएं।
शिक्षकों की जिम्मेदारी और करियर मार्गदर्शन
प्रो. कुमार ने यह भी कहा कि शिक्षकों की जिम्मेदारी केवल विषय ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें बच्चों को उनके करियर मार्गदर्शन में भी मदद करनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे इस प्रतिस्पर्धात्मक युग में नशे से दूर रहकर अपनी ऊर्जा पढ़ाई और खेलकूद गतिविधियों में लगाएं।
शैक्षिक और सांस्कृतिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देना
समारोह में शैक्षिक, सांस्कृतिक और खेलकूद गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। कृषि मंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों को अपनी ऐच्छिक निधि से ₹11,000 देने की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ताहलियाँ में दो कमरे और प्राथमिक विद्यालय में एक कमरे के निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध कराने का वादा किया।
स्कूल के प्रधानाचार्य विजय शर्मा ने मंत्री का स्वागत किया और स्कूल की उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रो. कुमार को स्मृति चिन्ह, शाल और टोपी भेंट कर सम्मानित किया।
जनसमस्याओं का समाधान
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने स्थानीय जनता से समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को शीघ्र समाधान के निर्देश दिए। इस समारोह में पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता संसार सिंह संसारी, कांग्रेस कार्यकर्ता सुरेंद्र, स्कूल के प्रधानाचार्य विजय शर्मा, एसएमसी प्रधान रीता देवी, महिला मंडल प्रधान कांता देवी, कृषि उपनिदेशक कुलदीप धीमान, बिजली बोर्ड के एसडीओ जसवीर, लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता मोहित, जल शक्ति के कनिष्ठ अभियंता अजय, विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य, बच्चे, अभिभावक और पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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