हरियाणा के करनाल जिले के रामनगर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक दो महीने की बच्ची को इलाज और गरीबी से छुटकारे के नाम पर हिमाचल प्रदेश में बेचने का आरोप लगा है। बच्ची की मां ने पुलिस को शिकायत दी, जिसके बाद पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने मिलकर कार्रवाई की। इस कार्रवाई के दौरान बच्ची को कांगड़ा जिले के ज्वालाजी क्षेत्र से बरामद किया गया।
बच्ची की मां का कहना है कि वह बच्ची के इलाज के लिए एक निजी अस्पताल गई थी। अस्पताल से लौटते समय एक महिला ने संस्था के नाम पर उसे मदद देने का वादा किया। इसके बाद कुछ लोग उसकी झोंपड़ी में आए और इलाज तथा गरीबी से छुटकारा दिलाने का झांसा देकर बच्ची को अपने साथ ले गए। बदले में उन्होंने उसे कुछ रुपये दिए।
पुलिस जांच में सामने आया है कि बच्ची का सौदा 1 लाख 70 हजार रुपये में तय हुआ था, लेकिन मां को केवल 95 हजार रुपये ही मिले। इसी बात को लेकर विवाद हुआ। जांच अधिकारी गुरजीत सिंह ने बताया कि बच्ची को वीडियो कॉल के माध्यम से दिखाकर सौदे की पुष्टि की गई थी।
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के उपाध्यक्ष उमेश चानना ने बताया कि बच्ची खरीदने वालों ने खुद यह कबूला है कि उन्होंने 1.70 लाख रुपये में बच्ची खरीदी थी। अब जांच इस पर चल रही है कि बच्ची को मां ने स्वेच्छा से बेचा था या बहला-फुसलाकर लिया गया।
बच्ची की मां का यह भी कहना है कि संस्था से जुड़े लोगों ने पहले पैसे दिए और बाद में वीडियो बनाकर दबाव बनाया। जब उसे शक हुआ तो उसने पैसे लौटा दिए, लेकिन तब तक बच्ची को वे अपने साथ ले जा चुके थे।
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