इंदौरा, 19 दिसंबर। कांगड़ा जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में नशे के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन ने एंटी-चिट्टा अभियान पर विशेष फोकस तेज कर दिया है। इसी कड़ी में उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने शुक्रवार को इंदौरा में नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन की अहम बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पुलिस जिला नूरपुर क्षेत्र में नशे के खिलाफ चल रहे अभियानों को और अधिक प्रभावी, संगठित और परिणाममुखी बनाने को लेकर विस्तार से मंथन किया गया।

उपायुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि चिट्टा सहित सभी प्रकार के मादक पदार्थों को जड़ से खत्म करने के लिए प्रशासन, पुलिस और समाज के हर वर्ग के संयुक्त प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम किया जा रहा है। बैठक में पुलिस अधीक्षक नूरपुर कुलभूषण वर्मा, एसडीएम नूरपुर अरुण शर्मा, एसडीएम ज्वाली नरेंद्र जरयाल, एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती, एसडीएम इंदौरा सुरेंद्र ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और नशा निवारण समितियों के सदस्य मौजूद रहे।

उपायुक्त ने बताया कि चिट्टे जैसी गंभीर समस्या पर नियंत्रण के लिए प्रदेश स्तर पर शिमला, धर्मशाला और हमीरपुर में एंटी-चिट्टा रैलियां आयोजित की गई हैं। इसी क्रम में जिला के रेड जोन के रूप में चिन्हित पंचायतों में नशा निवारण समितियों का गठन किया गया है, ताकि जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने बताया कि नूरपुर पुलिस जिला की 22 पंचायतों की नशा निवारण समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में सभी प्रतिनिधियों से यह जाना गया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नशे की समस्या से निपटने के लिए क्या रणनीति अपनाना चाहते हैं। साथ ही उन्हें सरकार की मौजूदा नीति और आगे की कार्ययोजना से भी अवगत करवाया गया।
उपायुक्त ने कहा कि यह तय किया गया है कि हर नशा निवारण समिति दो सप्ताह में एक बैठक करेगी, जबकि एसडीएम स्तर पर हर महीने समीक्षा बैठक होगी। इसका मकसद चिट्टे की समस्या पर डिमांड और सप्लाई दोनों पक्षों से प्रभावी कार्रवाई करना है। डिमांड साइड पर युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए खेल सुविधाओं का विकास, रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा और सकारात्मक विकल्प उपलब्ध करवाने पर जोर दिया जाएगा। वहीं सप्लाई साइड पर बाहरी और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और सूचना तुरंत पुलिस को दी जाएगी।
उपायुक्त ने कहा कि इन सामूहिक प्रयासों से क्षेत्र को नशामुक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने युवाओं, अभिभावकों, पंचायती राज संस्थाओं, महिला मंडलों और स्वयंसेवी संगठनों से इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई सिर्फ प्रशासन या पुलिस की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है।
उन्होंने जानकारी दी कि आने वाले समय में उपमंडल स्तर पर एंटी-चिट्टा वॉकथॉन का आयोजन भी किया जाएगा, ताकि लोगों में जागरूकता बढ़े। इसके साथ ही नशे से पीड़ित लोगों के लिए काउंसलिंग, इलाज और पुनर्वास की व्यवस्था को भी मजबूत किया जा रहा है। स्कूलों और कॉलेजों में एंटी-ड्रग क्लब, प्रहरी क्लब और साथी शिक्षा कार्यक्रमों को और सक्रिय किया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि जल्द ही चिट्टा सूचना इनाम योजना शुरू की जाएगी, जिसके तहत चिट्टा से जुड़ी जानकारी देने पर 10 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का इनाम दिया जाएगा। कोई भी नागरिक 112 नंबर या नजदीकी पुलिस थाने में सूचना दे सकता है। उन्होंने लोगों से निडर होकर प्रशासन का सहयोग करने की अपील की।
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