ठियोग में आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर के अधिकारों के लिए यूनियन का प्रदर्शन

Himachal (अहम ब्रह्मास्मि): आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर यूनियन, जो सीटू से संबद्ध है, ने ठियोग के पोटेटो ग्राउंड से बस स्टैंड तक अपनी मांगों को लेकर रैली का आयोजन किया। बस स्टैंड पर हुई जनसभा में सीटू प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला महासचिव अजय दुलटा, विवेक कश्यप और यूनियन अध्यक्षा रीना देवी समेत कई प्रमुख नेताओं ने संबोधित किया।

रैली के बाद, यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल एसडीएम ठियोग से मिला और बारह सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। उनकी प्रमुख मांगों में मिनी आंगनबाड़ी कर्मियों का छह महीने का लंबित वेतन, किराए का भुगतान, मिनी आंगनबाड़ियों का उन्नयन और अन्य आंगनबाड़ी कर्मियों का समय पर वेतन भुगतान शामिल है। यूनियन ने घोषणा की कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे।

इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने प्री प्राइमरी शिक्षा में 100% नियुक्तियों, नियुक्तियों के लिए 45 वर्ष की उम्र सीमा खत्म करने, पर्यवेक्षक पदों के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय की डिग्री को मान्यता देने, वरिष्ठता के आधार पर मेट्रिक और ग्रेजुएट कर्मियों की तुरंत भर्ती करने, सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, हरियाणा की तरह वेतन और वरिष्ठता लाभ देने, और पंजाब की तरह अन्य छुट्टियों की मांग की।

उन्होंने रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष करने, सभी मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी का दर्जा देने, वर्दी के लिए उचित आर्थिक सहायता, मोबाइल रिचार्ज और स्टेशनरी की सुविधा देने, चिकित्सा या बीमारी के दौरान वेतन काटने पर रोक लगाने, पोषण ट्रैकर ऐप की समस्याओं को हल करने और नंद घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस के निजीकरण पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों से मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया।

यूनियन ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण किया गया और आंगनबाड़ी वर्कर को नियमित कर्मचारी घोषित नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज होगा। उन्होंने नंद घर के नाम पर निजीकरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करने की बात कही, क्योंकि इससे भविष्य में कर्मियों की रोज़ी-रोटी पर संकट आएगा। उन्होंने वर्ष 2013 में हुए पेंतालिसवें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग की।

इसके अलावा, उन्होंने मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी का दर्जा देने और मिनी आंगनबाड़ी कर्मियों को पूर्ण आंगनबाड़ी कर्मियों के समान वेतन देने की मांग की। उन्होंने छुट्टियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था और हरियाणा की तर्ज पर वेतन और अन्य सुविधाओं की मांग की। आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए पेंशन, ग्रेच्युटी, चिकित्सा और छुट्टियों की सुविधा लागू करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर को नई शिक्षा नीति के तहत प्री प्राइमरी कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा सौंपा जाए, क्योंकि वे कुशल कर्मी हैं, और इसके बदले उनका वेतन बढ़ाया जाए और उन्हें नियमित किया जाए। चुनाव ड्यूटी पर इंसेंटिव देने और आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर के खाली पदों को तुरंत भरने की भी मांग की गई। इसके साथ ही, आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर से अतिरिक्त काम का डबल भुगतान करने की मांग भी की गई।

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