हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले से एक बेहद चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसने लोगों को आपातकालीन सेवाओं के प्रति सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह मामला उस समय सामने आया जब सीएच काजा से एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को रिकांगपिओ अस्पताल ले जाया जा रहा था। रास्ते में हुरलिंग के पास एक टैम्पो ट्रैवलर और एक फॉर्च्यूनर ने एम्बुलेंस का रास्ता रोक दिया। दोनों चालकों के बीच रास्ता देने को लेकर विवाद चल रहा था, जिस वजह से एम्बुलेंस को काफी देर तक वहीं रुकना पड़ा। एम्बुलेंस का हूटर लगातार बज रहा था, फिर भी दोनों वाहनों ने उसे रास्ता नहीं दिया।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि एम्बुलेंस को दो वाहनों ने बीच रास्ते में रोक रखा है और दोनों चालक बहस कर रहे हैं। जैसे ही इस मामले की जानकारी पुलिस को दी गई, जिला प्रशासन ने त्वरित संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी। काजा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की।
जांच के दौरान सामने आया कि फॉर्च्यूनर का चालक शराब के नशे में था। पुलिस ने उसकी मेडिकल जांच की और पुष्टि होने पर उस पर ₹44,000 का भारी चालान काटा गया। वहीं, टैम्पो ट्रैवलर चालक ने भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए एम्बुलेंस का रास्ता रोका था, जिसके चलते उस पर ₹20,500 का चालान किया गया।
लाहौल-स्पीति की एसपी इल्मा अफरोज ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि आपातकालीन सेवाओं के लिए हर नागरिक को संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने जनता से अपील की कि सभी यातायात नियमों का ईमानदारी से पालन करें और विशेषकर एम्बुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों के लिए तुरंत रास्ता दें। एसपी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की लापरवाही पर पुलिस भविष्य में भी कठोर कार्रवाई करेगी।
यह घटना न केवल एक कानून उल्लंघन का मामला है, बल्कि यह दर्शाता है कि सड़क पर कुछ लोगों की गैर-जिम्मेदाराना हरकतें किसी की जान के लिए खतरा बन सकती हैं। ऐसे में समाज को मिलकर जागरूकता दिखानी होगी और कानून का सम्मान करना होगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोहराई न जाएं।
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