Kangra: कांगड़ा जिले में भूस्खलन रोकथाम के लिए बड़ा कदम, आईआईटी मंडी के सहयोग से पूर्व चेतावनी सिस्टम होगा स्थापित

धर्मशाला, 05 मार्च। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि कांगड़ा जिले में भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों की पहचान कर वहां पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित की जाएगी। यह प्रणाली आईआईटी मंडी के सहयोग से लगाई जाएगी, जिससे भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

उपायुक्त ने बताया कि जिले में अब तक नौ स्थानों पर भूस्खलन पूर्व चेतावनी यंत्र लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की स्थापना और आपदा प्रबंधन तथा अग्निशमन सेवाओं को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कांगड़ा जिला भूकंप की दृष्टि से भी संवेदनशील है, इसलिए आपदा प्रबंधन को लेकर आधारभूत सुविधाएं जुटाने के लिए एक दीर्घकालिक योजना तैयार की गई है।

प्रारंभिक चरण में, जिले के आवेरी, बीड़, खास, दरूग, नपोहता, कोहर खास, करनाथू और डंडेल में स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इन स्टेशनों से मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी और किसी भी आपदा से पहले अलर्ट जारी किया जा सकेगा। उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन और आईआईटी मंडी के बीच एक समझौता (MoU) हुआ है, जिसके तहत जिले के विभिन्न स्थानों पर सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) आधारित प्रोफाइल विकसित किया जाएगा।

इसके अलावा, जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक वेब पोर्टल भी तैयार किया है, जिसमें सभी पंचायतों को जोड़ा गया है। यह पोर्टल आपदा की स्थिति में त्वरित सूचना प्रसार में सहायक होगा। उपायुक्त ने कहा कि स्वचालित मौसम स्टेशनों के माध्यम से भारी बारिश, आंधी और तूफान जैसी आपदाओं की जानकारी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों तक पहुंचेगी, जिससे समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

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