जिला सिरमौर के वन मंडल नाहन में कोलर रेंज के अंतर्गत वन विभाग ने 34 साल पुराने अवैध कब्जे को हटाने में सफलता प्राप्त की है। यह कब्जा डरडांवाला के रिजर्व फोरैस्ट के कंपार्टमेंट-1 में किया गया था। शनिवार को वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 5.3 बीघा भूमि पर से अवैध कब्जा छुड़वाकर उसे अपने कब्जे में ले लिया।
वन विभाग की टीम पुलिस की मदद से मौके पर पहुंची और मकान पर छह ताले लगा दिए। इस कार्रवाई का आधार कई वर्षों से चल रहे कानूनी विवाद थे, जिसमें विभाग ने कब्जा हटाने के लिए कई नोटिस जारी किए थे। कब्जाधारी ने पहले जिला अदालत में याचिका दायर की, फिर मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा।
यह कानूनी प्रक्रिया 3 अक्टूबर, 2024 को समाप्त हुई जब हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपना आदेश दिया। इसके बाद 18 नवंबर, 2024 को नायब तहसीलदार माजरा से निशानदेही लेने के बाद विभाग ने कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू की। हालांकि, 19 नवंबर, 2024 को कब्जाधारी ने शीर्ष अदालत से स्टे ले लिया, लेकिन 19 दिसंबर, 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने मामले को खारिज कर दिया।
आखिरकार, 3 जनवरी तक कब्जाधारी को कब्जा खाली करने का नोटिस दिया गया। शनिवार को वन परिक्षेत्राधिकारी वीरेंद्र कुमार की अगुवाई में विभागीय टीम पुलिस की उपस्थिति में मौके पर पहुंची और अवैध कब्जा हटा लिया। इसके साथ ही मकान पर ताले लगा दिए गए।
वन विभाग ने यह पुष्टि की है कि अवैध कब्जे पर बने मकान को 21 जनवरी, 2025 को गिरा कर नष्ट कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पूरी कार्रवाई में प्रदेश उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन किया गया है।
यह कार्रवाई वन संरक्षण के लिए कानून की ताकत को दर्शाती है और हिमाचल प्रदेश में रिजर्व वन क्षेत्रों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वन विभाग की इस कार्रवाई ने न केवल भूमि को उसके वास्तविक मालिक के पास लौटाया, बल्कि यह भी एक कड़ा संदेश दिया कि कोई भी अवैध कब्जा अब सहन नहीं किया जाएगा।
अंत में, वन विभाग की यह सफलता पर्यावरण संरक्षण और कानूनी दृष्टिकोण से एक सकारात्मक कदम है, जो प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा की ओर अग्रसर है।
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