हिमाचल प्रदेश में यात्रियों को सस्ती और सुगम यात्रा सुविधा प्रदान करने वाला एचआरटीसी (हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम) अब राजनीतिक पार्टियों के कार्यक्रमों और रैलियों का आर्थिक बोझ उठाने पर मजबूर हो गया है। चुनावी रैलियों और सरकारी आयोजनों में प्रयोग की गई बसों का किराया चुकाने में सरकार ने अभी तक 9 करोड़ रुपये की देनदारी नहीं चुकाई है। हालांकि कुछ महीने पहले यह देनदारी 23 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी, जिसमें से 14 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, लेकिन 9 करोड़ रुपये की राशि अभी भी बाकी है।
भाजपा कार्यकाल की देनदारी सबसे अधिक
एचआरटीसी की यह समस्या मुख्य रूप से भाजपा सरकार के समय से चली आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2022 में हुई रैलियों में एचआरटीसी ने 14 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया। बिलासपुर की एक जनसभा में 1597 बसों के लिए 7.13 करोड़ रुपये खर्च हुए। ऊना और चंबा में हुई जनसभाओं के लिए क्रमशः 1.95 करोड़ और 5.79 करोड़ रुपये खर्च हुए। हालांकि, अब तक सिर्फ 7.15 करोड़ रुपये की अदायगी हुई है।
देनदारी चुकाने में देरी
आजादी का 75वां अमृत महोत्सव और अन्य सरकारी आयोजनों में एचआरटीसी की बसों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन 7.15 करोड़ रुपये की राशि अब तक निगम को नहीं मिली है। इसके अतिरिक्त, 2022 के चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में बसों की सेवा के लिए बकाया राशि अभी भी सरकार के पास है।
निगम का सख्त कदम: एडवांस में राशि लेना होगा अनिवार्य
लंबे समय से बकाया राशि की वसूली न होने के कारण एचआरटीसी ने अब सख्त निर्णय लिया है। निगम ने तय किया है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी या सरकारी कार्यक्रम के लिए बसें तभी दी जाएंगी जब 50 प्रतिशत राशि एडवांस में जमा की जाएगी। अगर यह शर्त पूरी नहीं होती है, तो बसें उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी।
भाजपा और कांग्रेस के बयान
भाजपा के मीडिया विभाग के प्रमुख रणधीर शर्मा का कहना है कि भाजपा सरकार ने कांग्रेस की रैलियों का भुगतान सत्ता में रहते हुए किया है। उनका आरोप है कि मौजूदा कांग्रेस सरकार में कर्मचारियों को वेतन और पेंशन मिलने में भी देरी हो रही है।
वहीं, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कहा कि भाजपा ने प्रधानमंत्री की रैलियों का भुगतान अब तक नहीं किया है। कांग्रेस सरकार इन देनदारियों को चुकता कर रही है और भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए कड़े कदम उठा रही है।
एचआरटीसी की वित्तीय स्थिति पर असर
राजनीतिक आयोजनों के लिए बकाया राशि का भुगतान न होने से एचआरटीसी की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। निदेशक मंडल की बैठकों में बार-बार इस मुद्दे पर चर्चा होती है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
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